औरैया // मौसम में बदलाव व मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व वायरल बुखार ने जिले में अपने पैर पसार रखें हैं यहां तक कि बुखार लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो रहा है। ऐसे में उच्च वर्ग के लोग बीमार पड़ने पर कानपुर, इटावा समेत कई बड़े शहरों में जाकर इलाज करवा ले रहें हैं, लेकिन जरूरतमंद आयुष्मान पात्रों को जिले में आयुष्मान योजना के तहत इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है आलम यह है कि जिले में संबद्ध इकलौते निजी अस्पताल में भी आयुष्मान का कोई भी मरीज भर्ती नहीं किया जा रहा है केंद्र सरकार निम्न तबके के लोगों के लिए पांच लाख रुपये तक के इलाज की मुफ्त सुविधा दिलाने के लिए आयुष्मान योजना को जोर-शोर से आगे बढ़ाने के प्रयास में जुटी है। जिले में भी आयुष्मान पात्रों को निशुल्क इलाज देने के लिए जिले की सातों सीएचसी के अलावा जिला अस्पताल में सुविधा मौजूद है वहीं, निजी अस्पतालों में नेत्र रोग के लिए नयन ज्योति आई हॉस्पिटल व अन्य रोगों के लिए गुलाब सिंह हॉस्पिटल को योजना से संबद्ध किया गया है बुखार के प्रकोप के चलते बेला, सोहरी गढिया में दो-दो लोगों की मौत हो चुकी है वहीं बिचौली, फफूंद व दिबियापुर क्षेत्र में एक-एक मौत हो चुकी है स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को अजीतमल क्षेत्र के जगदीशपुर में एक युवक व बाबरपुर में एक 13 साल की बच्ची एलाइजा रिपोर्ट में डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं। जिससे जिले में डेंगू संक्रमितों की संख्या 45 पहुंच गई है अभी तक आयुष्मान योजना के तहत एक भी डेंगू मरीज का जिले में उपचार नहीं हुआ है आलम यह है कि आयुष्मान योजना से जुड़े निजी अस्पताल से भी मरीजों को इलाज के नाम पर निराशा हाथ लग रही है योजना के जिला सूचना प्रबंधक दिलीप कुमार ने बताया कि अभी तक जिले में एक भी डेंगू, बुखार रोगी को आयुष्मान योजना से लाभ नहीं दिया जा सका है बताया कि पहले आयुष्मान पोर्टल बंद रहने से समस्याएं रहीं हैं कुछ दिन पहले नया पोर्टल शुरू हुआ है,निजी अस्पताल गुलाब सिंह में डॉक्टर मौजूद न होने से आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को नहीं देखा जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन को जल्द डॉक्टरों की व्यवस्था कर पात्रों को सुविधा देने के लिए कहा गया है सरकारी अस्पतालों में भी जल्द आयुष्मान योजना के पात्रों को भर्ती करवाना शुरू कर दिया जाएगा,डेंगू वार्ड में लटका मिला ताला,बुखार से अस्पताल में प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं डेंगू मरीजों के लिए अस्पताल के जनरल वार्ड के एक हिस्से में डेंगू वार्ड बनाया गया है,गुरुवार को पड़ताल के दौरान डेंगू वार्ड में ताला लटकता मिला। इस संबंध में सीएमएस डॉ राजेश मोहन गुप्ता ने बताया कि डेंगू वार्ड डेंगू मरीजों के लिए बनाया गया है। जो भी डेंगू के मरीज आते हैं उनको वहां पर भर्ती किया जाता है। बताया कि ताला लगाने के पीछे, समस्या यह है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ आने वाले तीमारदार डेंगू वार्ड खाली देखकर उसमें घुस जाते हैं और गंदे पैरों से बेड पर चढ़कर बिछी हुई चादरें गंदी करते हैं। वार्ड में मौजूद कर्मचारी के पास वार्ड की चाबी रहती है, जब भी कोई डेंगू का मरीज आता है, कर्मचारी तत्काल वार्ड का ताला खोलकर डेंगू मरीजों को वहां भर्ती करते हैं।

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