राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा के निर्देशानुसार आज दिनांक 31.10.2023 को जिला कारागार, मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण श्रीमती नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के अधीक्षक श्री बृजेश कुमार, जेलर श्री महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर सुश्री करूणेश कुमारी व श्री अनूप कुमार, चिकित्साधिकारी डॉ0 रोहिताश मीणा व उत्पल सरकार तथा बंदी पराविधिक स्वयसेवकगण आदि उपस्थित रहे।
जिला कारागार मथुरा में आज निरीक्षण दौरान कुल 1785 बंदी निरूद्ध होना पाया गया। सर्वप्रथम सचिव द्वारा बैरक संख्या 12, 13 व 14 का निरीक्षण किया। उक्त बैरकों में सचिव द्वारा बंदियों से किसी भी प्रकार की समस्या या किसी भी प्रकार की लीगल एड की आवश्यकता के बारे में पूछा तो दो बंदियों द्वारा निशुल्क अधिवक्ता की मांग की गई। जिसके लिए सचिव द्वारा त्वरित ही संबंधित को दिशा निर्देश दिए गए। इसके अलावा बैरक में बने शौचालय व स्नानागार की साफ सफाई के संबंध में जानकारी ली तो सभी बंदियों ने एकराय होकर बैरक सहित शौचालय व स्नानागार की साफ सफाई होने का समर्थन किया।
इसके उपरांत सचिव द्वारा जेल चिकित्सालय का निरीक्षण किया। जिसमे उपस्थित बंदियों के हाल चाल जाने व उनसे उनके मुकदमों के बारे में जानकारी ली। चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को दवाई समय पर देने हेतु जेल चिकित्सक को निर्देशित किया।
अंत में महिला बैरक का निरीक्षण किया गया जिसमे मरम्मत का कार्य चल रहा है। सचिव द्वारा महिला बंदियों से वार्ता की गई। दौरान वार्ता महिला बंदियों से किसी भी तरह की समस्या होने अथवा फ्री लीगल एड की आवश्यकता के बारे में पूछा तो किसी भी महिला बंदी द्वारा किसी भी प्रकार की समस्या दर्ज नहीं कराई। इसके अलावा महिला बंदियों द्वारा बताया गया कि उनको करवाचौथ त्यौहार हेतु जेल प्रशासन द्वारा त्यौहार से संबंधित सामान उपलब्ध करा दिया गया है। उक्त के बारे में जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि कल करवाचौथ त्यौहार के अवसर पर ऐसे बंदी जो पति पत्नी है व इसी जिला कारागार में निरुद्ध हैं, उनकी मिलाई कराई जाएगी। इसके अलावा जिनके पति बाहर है उनको वीडियो कॉलिंग के जरिए वार्ता कराई जाएगी।
इसके अतिरिक्त निरीक्षण दौरान पाया गया कि वर्तमान में जेल में निरूद्ध बंदियों को एल०ई०डी० बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जेल में पोशाक बनाने का कार्य भी बंदियों द्वारा किया जाता है।
निरीक्षण दौरान उपस्थित बंदियों से निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई, बदियों द्वारा बताया गयाकि सभी के पास उनके व्यक्तिगत / सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं। बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। इसके अलावा सचिव द्वारा जेल लोक अदालत के संदर्भ में बताते हुए कहा कि छोटे मुकदमों को जेल लोक अदालत के माध्यम से जुर्म इकबाल करते हुए खत्म किया जा सकता है जिसका लाभ जेल में निरूद्ध बंदियों द्वारा उठाया भी जा रहा है एवं जेल लोक अदालत में पत्रावली लगवाए जाने हेतु बंदियों को प्रेरित किया गया।
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