63 देशों के 230 से अधिक मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश लखनऊ पधारेंगे

लखनऊ, 22 अक्टूबर। ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का पाँच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ आगामी 3 नवम्बर, शुक्रवार से सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में प्रारम्भ हो रहा है। सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, संसद सदस्य, इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायाधीशों समेत 63 देशों के 230 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् लखनऊ पधार रहे हैं। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में ट्यूनीशिया के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता श्री अब्देसतार बेन मौसा भी अपनी गरिमापूर्ण उपस्थिति दर्ज करायेंगे। यह जानकारी आज एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सम्मेलन के संयोजक व 

सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने पत्रकारों को दी। डा. गाँधी ने बताया कि 3 से 7 नवम्बर तक आयोजित यह सम्मेलन ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित है एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है।

प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. गाँधी ने बताया कि इस पाँच दिवसीय सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उप-मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, उप-मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक, वित्तमंत्री श्री सुरेश खन्ना समेत कई गणमान्य हस्तियों को आमन्त्रित किया गया है। इसके अलावा, इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पधारने वाली प्रख्यात हस्तियों में माननीय श्री मैरी सिरिल एडी बोइसेज़ोन, उपराष्ट्रपति, मॉरीशस; माननीय श्री स्टीपन मेसिक, पूर्व राष्ट्रपति, क्रोएशिया; माननीय श्री एंथनी थॉमस एक्विनास कार्माेना, पूर्व राष्ट्रपति, त्रिनिदाद एवं टोबैगो; माननीय श्री तेबुरोरो टीटो, पूर्व राष्ट्रपति, किरिबाती रिपब्लिक; माननीय श्री जोसेलेर्मे प्रिवर्ट, पूर्व राष्ट्रपति, हैती; माननीय श्री जीन-हेनरी सेन्ट, पूर्व प्रधानमंत्री, हैती; माननीय डा. पकालिथा 

बी. मोसिलिली, पूर्व प्रधानमंत्री, लेसोथो; माननीय श्री अल्बान सुमना किंग्सफोर्ड बैगबिन, घाना संसद के अध्यक्ष एवं माननीय न्यायमूर्ति श्री लियोनार्डाे ब्रैंट, न्यायाधीश, इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, नीदरलैंड आदि प्रमुख हैं।

डा. गाँधी ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जिन 63 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् आदि प्रतिभाग कर रहे हैं, उनमें अल्बानिया, अंगोला, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बांग्लादेश, बेल्जियम, बेलीज़, बेनिन, बोस्निया हर्जेगोविना, बोत्सवाना, ब्राज़ील, बुर्किना फासो, कैमरून, कोस्टारिका, क्रोएशिया, कांगो, इक्वाडोर, मिस्र, इक्वाटोरियल गिनी, इस्वातिनि, इथियोपिया, फ्रांस, जार्जिया, जर्मनी, घाना, गिनी, गुयाना, हैती, जमैका, किरिबाती, किर्गिज रिपब्लिक, लेबनान, लिसोटो, लक्ज़मबर्ग, मेडागास्कर, मलावी, माल्टा, मारिटानिया, मारीशस, मंगोलिया, मोज़ाम्बिक, म्यांमार, नीदरलैंड, निकारागुआ, नाइजीरिया, नार्वे, पेरू, साओ टोमे एण्ड प्रिंसिपे, दक्षिण कोरिया, दक्षिण सूडान, स्पेन, सूरीनाम, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, तंजानिया, छाड़, त्रिनिदाद एण्ड टोबैगो, ट्यूनीशिया, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, वेनेज़ुएला, जाम्बिया एवं भारत प्रमुख हैं।

इस ऐतिहासिक सम्मेलन की विस्तृत रूपरेखा बताते हुए डा. गाँधी ने कहा कि विभिन्न देशों के न्यायविद् व अन्य प्रख्यात हस्तियाँ 1 नवम्बर को दिल्ली पधारेंगे एवं ताजमहल का दीदार करने आगरा जायेंगे। इसके उपरान्त, दिल्ली लौटकर 2 नवम्बर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे एवं नई दिल्ली स्थित कान्स्टीट्यूशन क्लब में सम्मेलन के प्रथम सत्र को सम्बोधित करेंगे। भारत सरकार की विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगी। इसके उपरान्त, विभिन्न देशों से पधारे गणमान्य अतिथि राष्ट्रपति भवन में जलपान करेंगे। 3 नवम्बर को प्रातः 10 बजे विभिन्न देशों के पधारे गणमान्य अतिथि लखनऊ पधारेंगे। डा. गाँधी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह महासम्मलेन दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोने और विश्व के ढाई अरब बच्चों का भविष्य बचाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और पूरे विश्व समाज को एक नई दिशा देगा। 


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