मथुरा/गोकुल। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद, उप्र पर्यटन और जीएलए विश्वविद्यालय द्वारा सांझी महोत्सव-2023 के अंतर्गत रसखान समाधि पर अंतिम दिन शनिवार देर सायं ओपन एयर थिएटर में "रसखान के बोल" नाट्य प्रस्तुत किया गया।
इस मंचन का निर्देशन गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी वृंदावन के निदेशक डा दिनेश खन्ना ने किया। नाट्य लेखन डा उमेश चंद्र शर्मा ने किया। मंचन में लगभग 20 महिला एवं पुरुष कलाकारों ने भाग लिया।
मंचन की व्यवस्थायें गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी के को-ऑर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने संभालीं। रसखान के बोल नामक नाट्य के संबंध में निर्देशक डा दिनेश खन्ना ने परिचय दिया। संचालन ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा उमेश चंद्र शर्मा ने किया।
नाट्य कलाकार एवं सांझी के चित्रकारों का अभिनंदन उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के डिप्टी सीईओ जे पी पांडेय, जिला टूरिस्ट आफीसर डी के शर्मा, सहायक अभियंता दूधनाथ सिंह, डा.उमेश चंद्र शर्मा, गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी के निदेशक डा दिनेश खन्ना, अकादमी के समन्वयक चन्द्र प्रताप सिंह सिकरवार आदि ने पटुका पहना कर किया।
सांझी महोत्सव में दो दर्जन सांझी बनायी गयीं।
ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सांझी संरक्षण के प्रयासों की सर्वत्र सराहना की गयी।
ब्रज में दर्शनार्थ आये तीर्थ यात्रियों ने रसखान समाधि पहुंच कर चित्रकारों के हाथों से सांझी बनाते हुए देखा।
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