वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में चल रहे ब्रह्मलीन संत गोकुलानंद महाराज के त्रिदिवसीय तिरोभाव महोत्सव के समापन के अवसर पर वृहद संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।जिसमें आश्रम की अध्यक्ष महामंडलेश्वर साध्वी राधिका साधिका पुरी (जटा वाली मां) ने कहा कि हमारे पूज्य सदगुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी गोकुलानंद महाराज गुरु सेवा के अभिन्न अंग थे।वे अपने सदगुरुदेव की सेवा को ही सच्ची भगवद साधना मानते थे।इसी के बल से पूज्य महाराजश्री ने अनेकों दीन-दुखियों की पीड़ा दूर करके उनका कल्याण किया।
ब्रज साहित्य सेवा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी गोकुलानंद महाराज अत्यन्त उदार व सहज स्वभाव के धनी थे।वे श्रीधाम वृन्दावन में साधनारत रहकर आंतरिक रूप से अपने परमाराध्य श्रीराधा-कृष्ण की माधुर्य मय लीलाओं का दर्शन किया करते थे।
ने कहा कि संत प्रवर स्वामी गोकुलानंद महाराज मृदुलता, साधुता, दयालुता एवं कृपालुता के मूर्तिमान स्वरूप थे।उन जैसी पुण्यात्माओं से ही श्रीधाम वृन्दावन शोभायमान है।
ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी गोकुलानंद महाराज परम भजनानंदी एवं सिद्ध संत थे।उन्होंने श्रीकृष्ण भक्ति की लहर को समूचे संसार में प्रवाहित करके असंख्य व्यक्तियों को भक्ति के मार्ग से जोड़ा।
महोत्सव में महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानन्द महराज, स्वामी भुवनानंद महाराज, स्वामी गीतानंद ब्रह्मचारी महाराज, डॉ. रमेश चंद्राचार्य "विधिशास्त्री", वरिष्ठ भाजपा नेता रामदेव सिंह भगौर (आगरा), प्रमुख बसपा नेता चौधरी देवीसिंह कुंतल, साध्वी पूर्णिमा साधिका, भागवताचार्य साध्वी आशानन्द शास्त्री, डॉ. राधाकांत शर्मा, साध्वी नमिता साधिका, पुरुषोत्तम गौतम, पप्पू सरदार, पवन गौतम, राजू शर्मा, राजकुमार शर्मा, पूनम उपाध्याय,रामप्रकाश सक्सेना, डॉ. विनय लक्ष्मी सक्सेना आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
इससे पूर्व विश्वशांति हेतु चल रहे श्रीविष्णु महायज्ञ में समस्त भक्तों-श्रृद्धालुओं ने अपनी आहुतियां डालीं।साथ ही संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा आदि के कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए।
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