“बकरी जनन की आधुनिक जैव-तकनीकियों” पर प्रशिक्षण का शुभारंभ ।

भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, फरह में “बकरी जनन की आधुनिक जैव तकनीकियों” विषय पर 8 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसूचित जाति एवं जनजाति परियोजनाओं द्वारा वित्तपोषित है तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं हेतु आयोजित की गयी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ मनीष कुमार चेटली ने की । कार्यक्रम के प्रशिक्षण समन्वयक डॉ शिव प्रताप सिंह एवं डॉ योगेश कुमार सोनी ने अवगत कराया कि यह प्रशिक्षण बकरी जनन की आधुनिक जैव तकनीकों एवं उनके अधिक से अधिक उपयोग को बढ़ावा देने तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं के तकनीकी एवं कौशल विकास हेतु आयोजित की गयी है। इस कार्यक्रम में 07 राज्यों के 12 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संस्थान के निदेशक डॉ चेटली ने बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान एवं उसकी आर्थिकी के बारे में प्रशिक्षुओं को अवगत कराया और साथ ही उन्होंने आधुनिक जैव तकनीकियों से बकरी पालन के क्षेत्र में होने वाले लाभों से भी अवगत कराया और बताया कि यह तकनीकियां ही 'गरीब की गाय' बकरी को 'भविष्य का जानवर' बनाने में सहायक होंगी इसी के साथ संस्थान की शोध गतिविधियों एवं उपलब्धियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया और कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ सुरेश दिनकर खर्चे ने भी प्रशिक्षण के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति परियोजनाओं के प्रभारी तथा पाठ्यक्रम सह-समन्वयक डॉ गोपाल दास एवं डॉ अनुपम कृष्ण दीक्षित का विशेष रूप से वित्तपोषण में सहयोग रहा। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। 

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