अहरौरा। क्षेत्र के सत्यानगंज स्थित राधा कृष्ण स्थल समिति से परंपरागत ढंग से आरती के बाद शनिवार की शाम भगवान भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली गई। भगवान जगन्नाथ बलभद्र व सुभद्रा संग ढोल व बाजे के साथ स्वर्ण जड़ित रथ पर सवार होकर भ्रमण के लिए निकले। हाथ से खींचे जाने वाले रथ को हर कोई हाथ लगाकर छूने के लिए लालायित रहा।
फूलों से सुसज्जित रथ पर आरूढ़ ठाकुर जी के दिव्य स्वरूप दर्शन कर भक्त निहाल हो रहे थे। सत्यानगंज स्थित मंदिर परिसर से भगवान ठाकुर जी के दिव्य तथा अलौकिक स्वरूप को रथ पर सवार कराकर पुजारी अमरेश चंद्र पांडेय ने विधि विधान से आरती की। आरती के बाद रथयात्रा क्षेत्र के प्रमुख रास्तों से होते हुए निकाली गई। जो नई बाजार, कसरहट्टी, चौक, तकिया, टिकरा खड़ंजा, सम्मेत्तर होते हुए पट्टीकला पहुंची। जहां थोड़ी देर विश्राम के बाद रीति-रिवाजों के अनुसार पुन: रथ का पहिया आगे बढ़ाया गया। दुर्गाजी मंदिर पर आकर रुकने तथा रात्रि विश्राम की प्राचीन परंपरा है। रथ से भगवान को सिंहासन से उतार कर जयकारा लगाते हुए श्रद्धालु दुर्गा जी मंदिर पहाड़ के शिखर पर लेकर पहुंचे। इस दौरान कजरी दंगल का आयोजन किया गया। कलाकारों ने कजरी सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

पहाड़ पर रात्रि विश्राम के बाद श्रीठाकुर जी का रथ रविवार को दोपहर में अहरौरा जलाशय पर पहुंचेगा। जहां कुश्ती दंगल का आयोजन किया जाएगा। इसे दहलापट्ट का मेला भी कहते हैं। श्रीठाकुर जी की शोभायात्रा के दौरान छतों पर खड़ी महिलाएं मंगलगान करते हुए पुष्प करती रहीं। शोभायात्रा में सुरेश जायसवाल, पुजारी अमरेश चंद्र पांडेय, आदि लोग मौजूद रहे

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