*सात दिन बाद भी किसी की जवाबदेही तय नहीं*
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*_👉अब एसटीएफ शुरू करेगी जांच_*
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अयोध्या
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मनकापुर से अयोध्या के बीच सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला आरक्षी के साथ किसने दरिंदगी की, जीआरपी व पुलिस की आधा दर्जन टीमें अब तक इस बात का पता लगाने में नाकामयाब है। वहीं, सात दिन बाद अभी तक किसी की जवाबदेही तक तय नहीं हो सकी है। ट्रेन में जीआरपी एस्कॉर्ट मौजूद होने के बाद भी इस तरह की जघन्य वारदात होने पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं घटना को लेकर जांच अधिकारियों ने भी चुप्पी साध रखी है।
मंगलवार को लखनऊ से आई रेलवे पुलिस की टीम ने मनकापुर से अयोध्या तक खाक छानी। बुधवार को यूपी एसटीएफ की टीम के अयोध्या पहुंचने की संभावना है। घटना के दिन सरयू एक्सप्रेस करीब नौ बजे सुल्तानपुर से रवाना हुई थी। इसमें सुल्तानपुर से जीआरपी के दो सिपाही सुरक्षा के लिए ट्रेन में सवार हुए थे। एसपी रेलवे पूजा यादव ने अपने बयान में कहा था कि एस्कॉर्ट ने मनकापुर रेलवे स्टेशन पर पीड़िता को देखा था, तब वह ठीक थी। उसने बताया था कि वह ट्रेन में सो गई थी, अयोध्या उतरने की जगह वह मनकापुर पहुंच गई।
अधिकारी बताते हैं कि ट्रेन जब मनकापुर से रवाना हुई तो उसमें यात्रियों की संख्या न के बराबर थी। साथ ही एस्कॉर्ट दूसरे कोच में सवार था। कोच आपस में कनेक्ट नहीं है, इसके चलते जब ट्रेन किसी स्टेशन पर रुकेगी तभी एस्कॉर्ट कोच बदल सकती है। यह ट्रेन मनकापुर से चलकर सीधे अयोध्या रुकती है, इसके चलते एस्कॉर्ट को कोच बदलने का मौका नहीं मिला। अधिकारियों के इस जवाब के बाद भी एस्कॉर्ट की जवाबदेही कम नहीं हो सकती है।
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