जौनपुर। स्व. उमानाथ सिंह नैतिक मूल्य, चारित्रिक दृढ़ता व संघर्षशीलता के प्रतीक थे- राज्यपाल
जौनपुर। स्व. उमानाथ सिंह नैतिक मूल्य, चारित्रिक दृढ़ता व संघर्षशीलता के प्रतीक थे। वे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति पूर्णतः समर्पित रहे। उक्त उद्गार राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने उमानाथ सिंह स्मृति सेवा संस्थान के तत्वाधान में तिलकधारी महाविद्यालय के बलरामपुर सभागार में पूर्व मंत्री स्व.उमानाथ सिंह की 29वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में मुख्य अभ्यागत के रूप में व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि जब सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा समाचार पत्रों पर हल्ला बोल किया जा रहा था, जबरर्दस्ती दुकानों को बंद कराया और लूटा जा रहा था। जनता के मूल अधिकारों का दमन किया जा रहा था तब उमानाथ सिंह घर से बाहर निकले। कोतवाली में पहुंचे वहां कोतवाल से झड़प हुई वहीं हृदयाघात हो गया और वे कर्तव्य की बलिबेदी पर शहीद हो गए। राज्यपाल ने कहा कि उमानाथ सिंह के दूसरे दलों के नेताओं से भी अच्छे संबंध थे। वर्तमान में राजनीतिक मर्यादाएं तार-तार हो रही है। इसे बचाने हेतु उमानाथ सिंह जैसे लोगों की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री गिरीशचन्द्र यादव ने कहा कि उमानाथ सिंह का व्यक्तित्व विराट था। विपरीत परिस्थितियों में निर्णय लेने की उनमें अद्भुद क्षमता थी। विशिष्ट अभ्यागत राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मन में स्व. उमानाथ सिंह के प्रति अटूट श्रद्धा रही होगी कि उन्होंने जौनपुर के मेडिकल कालेज का नामकरण ही उनके नाम पर कर दिया।
समारोह की अध्यक्षता राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी ने किया। आंगन्तुकों का अभिवादन प्रतापगढ़ के पूर्व विधायक हरिप्रताप सिंह तथा समारोह संचालन पूर्व प्राचार्य डा. समरबहादुर सिंह ने किया। आभार प्रबंधक राघवेन्द्र सिंह ने किया। पूर्व विधायक सुषमा पटेल, विधायक रमेश सिंह, डा. धर्मराज सिंह, संत प्रसाद राय, भाजपा के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह, सरदार सिंह, सुशील कुमार उपाध्याय, हरिश्चन्द्र सिंह, सभाजीत द्विवेदी प्रखर, तिलकधारी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 आलोक सिंह, डॉ. हरिओम त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
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