औरैया // बरसात का मौसम जून से अगस्त माह तक का अंतराल इस बार सूखे की कहानी कह रहा है वजह औसत से 25 प्रतिशत कम बारिश होना है खेतों में खड़ी धान की फसल सूखे के चपेट में हैं पिछले सालों के मुकाबले इस बार बरसात के मौसम में अभी तक महज 329 मिमी ही बारिश हो सकी है जो कि पिछले पांच सालों में सबसे न्यूनतम स्तर पर रही है मानसून के शुरुआती दौर में अच्छी खासी बारिश हो जाने से किसानों ने धान की नर्सरी तैयार करते हुए ज्यादा से ज्यादा रकबे में बोआई कर दी शासन से मिले 51 हजार हेक्टेयर धान की फसल को लगभग पूरा भी कर लिया गया अगस्त माह में बादल तो छाए लेकिन बारिश नहीं हुई खेतों में धान की फसल को पानी की जरूरत है बड़े किसान सबमर्सिबल का सहारा ले सिंचाई में जुटे हैं छोटे किसानों पर सिंचाई का संकट है बारिश के सीजन में अहम जून, जुलाई व अगस्त माह में महज 329 मिमी बारिश अभी तक हो सकी है वर्ष 2022 में बरसात के इन तीनों महीनों में 374 मिमी बारिश हुई थी वहीं जिले में औसत बारिश का आंकड़ा 505 मिमी का है जिसके सापेक्ष मौजूदा सीजन में 25 प्रतिशत कम बारिश हुई है बारिश के मौसम यह स्थिति है किसानों को आने वाले दिनों की चिंता सता रही है भूगर्भीय जल का स्तर यदि गिरा तो गेहूं की फसल पर भी सिंचाई का संकट मड़राएगा किसान आसमान में छाए बादलों पर नजर टिकाए बारिश के कयास लगातार लगा रहे हैं लेकिन हकीकत में बरसात का मौसम सूखे की कहानी कह रहा है बारिश न होने के चलते धान की फसल में बीमारियों का संकट गहराया है,चटक धूप व पानी की कमी से सूख रहीं फसलें धान की फसल में सबसे ज्यादा सिंचाई होती है फसल ज्यादातर समय के लिए पानी चाहती है इस बार कम बारिश के चलते सूखे जैसे हालात हो गए हैं ऊंचे क्षेत्रों में बंबा की सिंचाई संभव न हो पाने के चलते धान से लेकर दलहनी फसलों पर संकट है बारिश के अभाव में चटक धूप फसलों को नुकसान पहुंचा रही है ऐसे में फसल रोग से ग्रसित होने की संभावना ज्यादा है जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि शुरुआती दौर में अच्छी बारिश हुई अनुमान के अनुसार तीन महीने के अंतराल में काफी कम बारिश हुई है आठ व नौ सितंबर को ज्यादा बारिश के आसार मौसम विभाग की ओर से जताए गए हैं इन दो दिनों में काफी हद तक सूखे के हालात से राहत मिलने की उम्मीद है।

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