उतरौला बलरामपुर विकास खण्ड गैडास बुजुर्ग उपकेंद्र से जुड़े गांव व कस्बे में बिजली कटौती चरम पर है इसके चलते उपभोक्ताओं की रातों की नींद और दिन का चैन उड़ा हुआ है। 
दर्जनो बार बिजली आती है और चली जाती है चौबीस घंटे में बिजली केवल आठ घंटे भी मिलना मुश्किल है। गर्मी व बरसात में होने वाली अघोषित कटौती ने उपभोक्ताओं की मुसीबत और अधिक बढ़ा दी हैं। बिजली शुल्क की बढ़ती दरें जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। सूबे के सरकार के जारी आदेश के अनुसार शहरी क्षेत्रों में चौबीस घंटे तहसील क्षेत्र में बीस घंटे व ग्रामीण क्षेत्रों में अट्ठारह घंटे विद्युत सप्लाई देने का आदेश पूर्व में दिया जा चुका हैं।रात हो या दिन बार बिजली गुल होने की समस्या ग्रामीण अंचलों के उपभोक्ताओं के लिए सिर दर्द बन चुकी है पिछले एक माह से गैंडास बुजुर्ग के विधुत उपकेंद्र से जुड़े दर्जनों गांवों बार बार बिजली के आने जाने से  हजारों ग्रामीणो की नींद हराम हो गई है। धर्मपुर के निवासी जाकिर अली का कहना है कि गांवों में दिन भर बिजली की आंख मिचौली चलती रहती है। अगर बिजली आती भी है, तो चौबीस घंटे में केवल चार घंटे ब मुश्किल बिजली मिल पाती है। संजय कुमार गुप्ता व मोहम्मद रिजवान शाह का कहना है कि बिजली न रहने से पूरी रात पूरे कस्बे पूरे गांव में अंधेरे में डूबे रहते हैं। ऐसे‌ में सरकार का विधुतीकरण अभियान धूल फांकता नजर आ रहा है। बब्बू महतो व पूर्व प्रधान गुड्डू खां का कहना है कि हाल ही में विधुत शुल्क में भारी बढ़ोतरी की गई है। इतना शुल्क अदा करने के बाद भी व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी है। 
बिजली उपकरण महज शौपिंग बन चुकी है बिजली कटौती के चलते ग्रामीणों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ती है बिजली विभाग के एस डी ओ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बिजली व्यवस्था को बहाल रखने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।
असगर अली 
उतरौला

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