राजकुमार गुप्ता 
वृन्दावन।केशवधाम रोड़ स्थित सुखधाम भवन में कल्पतरु सेवा संस्थान ट्रस्ट के तत्वावधान में कल्पतरु सेवा संस्थान का स्थापना दिवस एवं प्रख्यात भागवताचार्य व ज्योतिषाचार्य धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज के 32वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में वृहद संत-विद्वत आशीर्वचन समारोह अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।महोत्सव का शुभारंभ ठाकुरश्री गोपालजी महाराज के विग्रह के समक्ष संतों-विद्वानों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।तत्पश्चात संतों - विद्वानों एवं समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज का सम्मान व अभिनंदन किया गया।
महामंडलेश्वर स्वामी इन्द्रदेवेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज ने बहुत ही अल्प आयु में समस्त धर्मग्रंथों का अध्ययन कर विश्वभर में उनका वाचन करके सनातन धर्म के उन्नयन व संरक्षण का कार्य किया है।हमारी ठाकुर बांके बिहारी महाराज से यह प्रार्थना है कि वे चिरायु हों और आजीवन धर्म के प्रति समर्पण भाव से कार्य करते रहें।
चतु: संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज व प्रख्यात भागवताचार्य पण्डित चतुर नारायण पाराशर ने कहा कि स्वामी बलरामाचार्य महाराज के द्वारा संचालित कल्पतरु सेवा संस्थान ट्रस्ट के द्वारा श्रीधाम वृन्दावन के अलावा समूचे देश में जो सेवा प्रकल्प चलाए जा रहे हैं,उनसे निर्धन,निराश्रित, असहाय व दिव्यांग आदि लाभान्वित हो रहे हैं।
ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज अध्यात्म जगत की बहुमूल्य विभूति हैं।उन्होंने अपने आध्यात्मिक जीवन यात्रा में बहुत ही कम समय में जो सनातन धर्म की अविस्मरणीय सेवा की है,उससे न केवल श्रीधाम वृन्दावन अपितु समूचा ब्रजमंडल गौरांवित हुआ है।
धर्मगुरु विनोद कुमार तिवारी व आचार्य कृष्णा त्रिपाठी ने कहा कि स्वामी बलरामाचार्य महाराज विश्वभर में श्रीमद्भागवत कथा, श्रीराम कथा एवं अन्य धर्मग्रंथों के माध्यम से जो धर्म व अध्यात्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं,वो अद्भुत व प्रशंसनीय है।
इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य डॉ. रामकृपालु त्रिपाठी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, आचार्य गोपाल भैया, पण्डित जुगेंद्र भारद्वाज, आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य बद्रीश, आचार्य नरोत्तम मिश्रा, पंडित दिनेश कौशिक, आचार्य घनश्याम दुबे, चित्रकार द्वारिका आनन्द, युवराज वेदांत आचार्य, आचार्य ईश्वरचंद्र रावत आदि ने भी अपने आशीर्वचन स्वामी बलरामाचार्य को दिए।संचालन आचार्य पीठाधीश्वर भागवत भूषण स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज ने किया।

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