जौनपुर। हमारा व्यवहार बच्चों के अवचेतन पर सीधे प्रभाव डालता है- पवन सिन्हा
जौनपुर। जिले में छात्रों के लिए आयोजित अभिप्रेरण व्याख्यान में ख्यातिलब्ध आध्यात्मिक गुरु, शिक्षाविद व ज्योतिष शास्त्री दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पवन सिन्हा 'गुरूजी' ने व्यक्त किया। उन्होंने 'शिक्षा, संस्कार व परवरिश' विषय पर बहुत ही रोचक, सारगर्भित व छात्रोपयोगी व्याख्यान दिया।
उन्होंने बच्चों की परवरिश पर विशेष जोर दिया और कहा कि माता- पिता को बच्चों के परवरिश के कौशल को जिम्मेदारी के साथ सीखना चाहिए। माता-पिता का स्वयं का आचरण व व्यवहार बच्चों को ज्यादे सीखता है बजाय उन्हें जोर- जबरदस्ती कर सीखने के लिए मजबूर करना। हमारा व्यवहार बच्चों के अवचेतन पर सीधे प्रभाव डालता है और धीरे- धीरे उनके व्यवहार में भी वही प्रकट होने लगता है। डर व भय बच्चों के स्वभाविक विकास में बहुत बाधा पहुंचाते हैं, इससे उनके अंदर कुंठा व अवसाद विकसित होते जाते हैं। कोटा में इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा माता-पिता व समाज की अपेक्षाओं के दबाव को बर्दास्त न कर पाने के कारण आत्महत्या जैसी घटनाओं का उन्होंने जिक्र करते हुए इसपर चिंता व्यक्त की।
गुरुजी ने शिक्षा ग्रहण करने में तार्किक सोच पर बहुत जोर दिया। अनेकों चित परिचित उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने कहा कि लोगों के द्वारा कही गई बातों व समाज में प्रचलित मान्यताओं को बिना चिंतन के नहीं स्वीकार करना चाहिए। सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय प्रबंधक राघवेंद्र प्रताप सिंह व प्राचार्य प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह के दिशा निर्देशन में संपन्न हुआ। अर्थशास्त्र विभाग के प्रभारी प्रोफेसर आर एन ओझा ने महाविद्यालय परिवार की ओर से मुख्य अतिथि गुरुजी का स्वागत किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कार्यक्रम की उपयोगिता व प्रासंगिकता को रेखांकित किया। अंग्रेजी विभाग के प्रो ज्ञानेंद्र धर दुबे अतिथि का परिचय देते हुए गुरुजी के बहुआयामी व्यक्तित्व, शिक्षण कार्य के साथ उनके अन्य आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि के व्याख्यान के अंत में छात्रों के लिए एक प्रश्न उत्तर का सत्र भी आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम के सूत्रधार कृषि उद्यान विभाग के प्रभारी प्रो रजनीश सिंह ने मुख्य अतिथि, प्राध्यापकों कर्मचारीयों, छात्रों एवं अन्य अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम का संचालन शिक्षक- शिक्षा विभाग की प्रो श्रद्धा सिंह ने किया। कार्यक्रम में छात्रों के अतिरिक्त प्राध्यापक और प्राध्यापिकाओं ने भी बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। जिनमें प्रो पी पी सिंह, प्रो सुभाष चंद्र विषोई, प्रो राजदेव दुबे, डॉ कनक सिंह, डॉ राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, डॉ छाया सिंह, डॉ नागेंद्र सिंह, डॉ पूनम सिंह, डॉ विजयलक्ष्मी सिंह, डॉ देवेंद्र कुमार सिंह, डॉ अवनीश सिंह, डॉ ओपी सिंह, डॉ सी पी सिंह, श्री कुँवर शेखर गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
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