राजकुमार गुप्ता मथुरा/ मंडी में कपास का उचित भाव नहीं मिलने पर किसानों में मायूसी एवं आक्रोश है। मंडी में जो कपास 8000 हजार रुपए क्विंटल बिक रही थी, आवक बढ़ने से 4000 हजार रुपए क्विंटल तक हो गई है। भाकियू चढूनी के मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार को एमएसपी पर सरकारी खरीद करनी चाहिए। कपास की एमएसपी 6080 रूपये है, किसान मंडियों में सरकारी खरीद न होने से मजबूरी में सस्ते में कपास बेचने को मजबूर हैं। कपास का कम भाव मिलने से किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। महंगे बीज, दवाईयों और मजदूरी की बढ़ती दर से कपास उत्पादक किसान अपना यह खर्च नहीं निकाल पाने के कारण कर्ज के बोझ तले दबा है। उन्होंने कहा कि बदलते मौसम ने भी कपास उत्पादकों को निराश किया है। ऐसे में कपास के कम दाम मिलने से किसानों का आक्रोश स्वाभाविक है। उन्होने कहा कि अपनी उपज कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य मांगना किसान का हक है। किसानों ने कर्जा लेकर खून पसीना बहाकर कपास का उत्पादन किया है और कम भाव मिलता है तो किसान आर्थिक रूप से पूरी तरह से टूट जाता है। किसानों को कपास के साथ ही अन्य सभी फसलों का उचित मूल्य दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है।
कपास उत्पादक किसानों से एमएसपी पर सरकारी खरीद की जाए;- रामवीर सिंह तोमर
rajgupta109111@gmail.com
0
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know