कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने गोवंश के संरक्षण का विवरण , पंजीकृत गौशाला में संरक्षित गोवंश, मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित सहभागिता योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदन तथा लाभान्वित पशुपालकों की संख्या, निराश्रित गोवंश स्थलों में संरक्षित गोवंश के भरण पोषण पर आवंटित धनराशि के सापेक्ष व्यय की गई धनराशि की जानकारी ली। इसके संबंध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद मे कान्हा गौशाला में 122, बृहद गौ संरक्षण केंद्र में 806 गोवंश तथा 2 पंजीकृत गौशाला में 979 गोवंश संरक्षित है, मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत 567 लक्ष्य के सापेक्ष 529 गोवंश सुपुर्द किए गए हैं तथा 250 पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है, वित्तीय वर्ष में प्राप्त भरण पोषण पर आवंटित धनराशि के सापेक्ष में व्यय धनराशि के बारे में अवगत कराया। तत्पश्चात
मुख्य विकास अधिकारी ने पशु टीकाकरण, एन एल एम बकरी योजना के अंतर्गत प्रगति एवं ईयर टैगिंग, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की प्रगति तथा एल0एस0डी0 से ग्रामों में प्रभावित पशुओं की संख्या की जानकारी ली। इस क्रम में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया की 411680 डोज टीकाकरण के सापेक्ष कुल 384380 पशुओं का टीकाकरण तथा शत प्रतिशत ईयर टैगिंग एवं 56% पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान तथा एल0एस0डी0 से प्रभावित ग्राम

पंचायतों में 165224 गोवंश के सापेक्ष 110000 पशुओं का टीकाकरण तथा एल एस डी से 14 पशुओं की मृत्यु एवं 176 पशु अभी एक्टिव है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा की शत प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण तथा लंपी से प्रभावित पशुओं को आइसोलेटेड कर अलग रखने और पशुओं की उचित खान पान की व्यवस्था और ब्लॉकवार पशुओं के टीकाकरण की अद्यतन रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें जिससे की ब्लॉकवार प्रगति की समीक्षा की जा सकें। इसी क्रम में मुख्य विकास अधिकारी ने आंकड़ों में भिन्नता पाए जाने के कारण ब्लॉक दुदही प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी को स्पष्टीकरण जारी करने हेतु सी.वी.ओ को निर्देशित किया। लंपी बीमारी की रोकथाम हेतु पशुओं के टीकाकरण के साथ साथ सभी अधिकारी और सर्विलेंस टीम फील्ड में भ्रमण करते हुए जागरूकता अभियान चलाए । सभी पशु चिकित्साधिकारी तथा पशुधन प्रसार अधिकारी लंपी बीमारी से प्रभावित ग्राम पंचायतों में निरीक्षण करें और अधिक से अधिक इस रोग की रोकथाम के उपायों का प्रचार प्रसार करें। बैठक के दौरान जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी श्रवण कुमार सिंह, विकास खंडों के पशु चिकित्सा अधिकारी एवं जनपद स्तरीय अधिकारी / कर्मचारी उपस्थित रहे।

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