वृन्दावन।श्रीराधा माधव सेवा संस्थान ट्रस्ट (वानप्रस्थ धाम) एवं अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के संयुक्त तत्वावधान में भाद्रपद शुक्ला द्वादशी को वामन भगवान का प्राकट्य महोत्सव अत्यन्त धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ संतों, विद्वानों एवं धर्माचार्यों के पावन सानिध्य में मनाया गया।महोत्सव का शुभारंभ वामन भगवान के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन के साथ हुआ।
श्रीराधा माधव सेवा संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष व श्रीमद्भागवत के प्रकांड विद्वान पंडित चतुरनारायण पाराशर महाराज ने कहा कि वामन भगवान का प्राकट्य सनातन धर्म के लिए एवं भक्तों के भक्ति मार्ग को प्रत्येक जन-जन तक पहुंचाने के लिए हुए था।साथ ही उन्होंने अहंकारी राजा बलि का अभिमान नष्ट करने के लिए उससे तीन पग भूमि मांगी थी।जिसके बाद राजा बलि को पाताल लोक भेज कर और पृथ्वी पर सनातन धर्मावालंबियों को स्थापित किया।
महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ व नगर उपाध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि वामन भगवान अत्यन्त संतोषी व वामन अंगुल के थे।जिन्होंने देवों के हित व पृथ्वी को दैत्यों से बचाने के लिए अवतार लिया था।
इस अवसर पर आचार्य पीठाधीश्वर, भागवत प्रभाकर मारुतिनंदन वागीश, महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी आदित्यानन्द महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज, बाबा कर्मयोगी, आचार्य गोपाल भैया, डॉ. मनोज मोहन शास्त्री, पण्डित दिनेश कौशिक, पण्डित बिहारीलाल शास्त्री, डॉ. राधाकांत शर्मा, कृष्ण कन्हैया पदरेणु, बालो पण्डित, विष्णुकांत भारद्वाज ब्रजवासी भैया, संजय शर्मा, लक्ष्मीकांत कौशिक, सतीश गोस्वामी, रमेशचंद्र गौतम, देवेन्द्र गौतम, ब्रजेश गिरि, राकेश मिश्रा, सुशील कौशिक, रामान पाराशर, आशीष तिवारी, पवन पाराशर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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