*पूर्ण गुरु से प्राप्त भक्ति से सुख ,मोक्ष संभव*
रविवार को लखीमपुर खीरी की म निघासन तहसील के लखाही में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का वेद, गीता जी, श्री मद भागवत गीता, पुराण, गुरु ग्रंथ साहिब, कुरान शरीफ आदि से प्रमाणित सत्संग प्रवचन का आयोजन हुआ
सत्संग प्रवचन में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी ने बताया कि गीता जी अध्याय 15 श्लोक 1 में लिखा है कि ऊपर को जड़ वाला नीचे को शाखा वाला अविनाशी विस्तृत संसार रूपी पीपल का वृक्ष है, जिसके छोटे छोटे हिस्से या टहनियां , पत्ते कहे हैं , उस संसार रुप वृक्ष को जो इस प्रकार जानता है। वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात तत्वदर्शी है आगे गीता अध्याय 15 श्लोक 2 मे बताया कि उस वृक्ष की नीचे और ऊपर तीनों गुणों ब्रह्मा_रजगुण, विष्णु_सतगुण, शिव_तमगुण रूपी फैली हुई विकार काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार रूपी कोपल डाली ब्रह्मा, विष्णु, शिव ही जीव को कर्मो में बांधने की भी जड़ें अर्थात मूल कारण हैं तथा मनुष्य लोक , स्वर्ग , नरक लोक प्रथ्वी लोक मे नीचे (चौरासी लाख जुनियों मे) ऊपर व्यवस्थित किए हुए हैं 
इस संसार में तीन गुण ने सभी जीवों को कर्मो के आधार पर बांध रखा है और जीव चाहते हुए भी बिना पुर्ण परमात्मा की भक्ति किए इन गुणों के ताप से नहीं बच सकता है और इन तीनो ताप की वजह से जीव नाना प्रकार के दुख भोगता है इन गुणों के ताप से बचने के लिए तत्वदर्शी संत से उपदेश लेकर शास्त्रअनुकुल साधना करनी होगी

जिला कार्डिनेटर रवि कुमार वर्मा ने बताया कि इसी तरह जिला लखीमपुर ही नहीं दुबई, इंगलैंड, नेपाल, पाकिस्तान , कुवैत अमेरिका,कतर आदि देशों सहित भारत के सभी राज्यों में संत रामपाल जी के सत्संग प्रवचन होते हैं और संत रामपाल जी के करोड़ों श्रद्धालु दहेज लेनदेन, नशा, चोरी, व्यभिचार, घूसखोरी , जाती पाती आदि को त्यागकर सुखमय जीवन यापन कर रहे हैं
जिला लखीमपुर खीरी में हजारों परिवार संत रामपाल जी के बताए नियमों पर चलकर अपना जीवन धन्य कर रहे हैं
और संत रामपाल जी द्बारा लिखित पुस्तक ज्ञानगंगा, जीने की राह जो कि सर्व ग्रंथ प्रमाणित पुस्तक है वितरण किया गया , संत रामपाल जी के अमृत प्रचवन प्रतिदिन श्रद्धा mh वन दोपहर 2 बजे, नेपाल वन पर सुबह 6 बजेदेख सकते हैं संत रामपाल जी से जुड़ने के लिए www.jagatgururampalji.org visit करें

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