उतरौला/बलरामपुर 
शनिवार की‌ शाम अंजुमन ए हुसैनिया के बैनर तले उतरौला के ग्राम पंचायत अमया देवरिया के दरगाह पर हज़रत अब्बास अली के नाम एक मजलिस का आयोजन किया गया। 
इसके निजामत कार्य इमरान उतरौलवी ने किया।
मजलिस का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से किया गया। मजलिस से पूर्व अली अम्बर रिज़वी, अनीस उतरौलवी, शुजा उतरौलवी, मुदस्सिर जौनपुरी, मेयार जरवली, नूर इलाही, कामिल हाशमी, मौलाना जायर अब्बास आदि लोगो ने अपना कलाम पेश किया। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना आज़िम बाक़री ने कहा, कि इमाम हुसैन से मुहब्बत के लिए मज़हब की कोई क़ैद नहीं है। दुनिया के तमाम मज़हब के मानने वाले अपने मज़हब के साथ इमाम हुसैन को भी करते हैं। इसलिए हमारे लिए ज़रूरी है कि हम उन लोगों तक मक़सदे इमामे हुसैन को पहुंचाएं जहां जहां पर इंसानियत होती है। वहां करबला होगी। अगर हम अस्ल में हुसैनी हैं तो हमें इमाम हुसैन के बताए हुए रास्ते पर भी चलना होगा। तभी हम सच्चे हुसैनी बन सकेंगे और इमाम हुसैन के मक़सद को पूरा कर सकेंगे।
अंत में उन्होंने अठारह बनी हाशिम की शहादत का ज़िक्र करते ही  माहौल ग़मगीन हो गया मजलिस में बैठे सभी की आंखे नम हो गई। बाद मजलिस कर्बला के शहीदों की याद में 18 बनी हाशिम का ताबूत, मौला अब्बास का अलम व शबीहे ज़ुलजना की ज़ियारत कराई गई। जिसका तारीफ जनाब ज़ीशान आज़मी ने की।
 बाद ज़ियारत पर नौहाख्वानी की, और मुदस्सिर जौनपुरी ने नाैहा पढ़ने के साथ साथ मुकामी अंजुमन ने सीनाज़नी की। स्थानीय लोगों के अलावा, रेहरा माफी, रैगांवा, पिपरा, तुलसीपुर से आए हुए सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहें।
असगर अली 
उतरौला

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने