2023-24 में 62 हजार मार्गों का कायाकल्प करेगी योगी सरकार
-उत्तर
प्रदेश के सड़कों की गड्ढा मुक्ति व रिपेयर वर्क्स के जरिए सुदृढ़ीकरण पर सीएम
योगी का फोकस,
विस्तृत
कार्ययोजना के जरिए मूर्त रूप ले रही प्रक्रिया
-लोक
निर्माण विभाग व राष्ट्रीय मार्गों के आधीन आने वाले मार्गों पर गड्ढा मुक्ति व
रिस्टोरेशन कार्यों को तेजी से पूर्ण कर रही योगी सरकार
-वर्ष 2023-24
में लोक निर्माण विभाग ने रीस्टोरेशन कार्यों के टारगेट का 30 प्रतिशत
कार्य किया पूरा, राष्ट्रीय मार्गों ने की 75.30 प्रतिशत
लक्ष्य की प्राप्ति
लखनऊ, 25 सितंबर।
उत्तर प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार
प्रदेश की व्यापक कायाकल्प की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इस बात का प्रमाण
सड़क सौंदर्यीकरण, गड्ढामुक्ति व मार्गों के रीस्टोरेशन प्रक्रिया को
लेकर भी देखा जा सकता है। लोकनिर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश
में वर्ष 2023-24
के बीच गड्ढा मुक्ति व रिस्टोरेशन कार्यों के लक्ष्यों को हासिल करने में लोक
निर्माण विभाग ने अपने टारगेट का 30 प्रतिशत कार्य पूरा किया है। वहीं, राष्ट्रीय
मार्गों की बात करें तो उसने अब तक 75.30 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति में
सफलता पायी है। कुल मिलाकर, वर्ष 2023-24 में 62 हजार से
अधिक मार्गों को गड्ढामुक्त व रीस्टोरेशन वर्क्स से सुदृढ़ बनाने की प्रक्रिया को
विस्तृत कार्ययोजना क्रियान्वयन के जरिए धरातल पर उतारा जा रहा है। उल्लेखनीय है
कि सीएम योगी की हमेशा से परिकल्पना गड्ढा मुक्त उत्तर प्रदेश की रही है और इसी
परिकल्पना को पूर्ण करने के लिए लोकनिर्माण विभाग द्वारा इस वर्ष अब तक 275 रुपए
प्रदेश के सभी जिलों को निर्धारित मार्ग सुदृढ़ीकरण के लक्ष्यों को पूरा करने के
लिए आवंटित किया जा चुका है तथा योगी सरकार द्वारा लगातार कार्य पूर्ति की
मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
लोक निर्माण विभाग ने 6988 मार्गों
की संवारी सूरत
प्रदेश में लोक निर्माण
विभाग के आधीन कुल मिलाकर 1.14 सड़कें हैं जिनका कुल योग 2.66 लाख
किमी है। इसमें से इस वर्ष 62 हजार से ज्यादा सड़कों का मेकओवर करना
निर्धारित किया गया है। इसमें से गड्ढा मुक्ति का लक्ष्य 44869 मार्गों
का निर्धारित है जबकि 17588 सड़कों के नवीनीकरण व रीस्टोरेशन प्रक्रिया
को मूर्त रूप दिया जाना प्रस्तावित है। इसमें से गड्ढामुक्ति की दिशा में 1711 व 5277 मार्गों
का रीस्टोरेशन वर्क्स इस वर्ष अब तक पूरा कर लिया गया है। यानी, कुल 6988 मार्गों
पर लोक निर्माण विभाग द्वारा अब तक कार्य किया गया है। इसमें से गड्ढा मुक्ति के
कार्यों का प्रतिशत 3.81 रहा जबकि रीस्टोरेशन कार्यों के लक्ष्यों को 30 प्रतिशत
पूरा गया है। उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण विभाग के आधीन मंडी, पंचायती
राज, सिंचाई, ग्राम्य
विकास, नगर
विकास, गन्ना, आवास एवं
शहरी नियोजन व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग से संबंधित सड़कें आती हैं और
इन सभी विभागों के समायोजन से प्रदेश में सड़क सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा
दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय मार्गों पर तेजी
से हो रहा रीस्टोरेशन वर्क
वर्ष 2023-24 में
राष्ट्रीय मार्गों की कुल 364 गड्ढामुक्ति व रीस्टोरेशन वर्क्स को अभी तक
पूर्ण किया जा चुका है। राष्ट्रीय मार्गों पर गड्ढा मुक्ति के कार्यों में अब तक 28.35 प्रतिशत
सफलता मिली है जबकि रीस्टोरेशन वर्क्स को 75.30 प्रतिशत
तक पूर्ण कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय मार्ग विभाग की चार जोन
प्रदेश में कार्यरत हैं। इनमें से नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई-पश्चिम
यूपी) ने इस वर्ष सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए गड्ढा मुक्ति के निर्धारित
लक्ष्यों को प्राप्त करने में 62.57 व रीस्टोरेशन वर्क्स को पूर्ण
करने में 85.79
प्रतिशत
सफलता हासिल की है।
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डेट्रायट बनने की रेस में
लखनऊ
योगी सरकार और हिंदुजा की
पहल से मोटर सिटी भी हो सकता है नवाबों का शहर
लखनऊ। किसी जमाने में
फोर्ड और मोटर कार एक दूसरे के पर्याय थे। हेनरी फोर्ड नामक एक अमेरिकी उद्यमी ने
वहां के डेट्रायट शहर में वाहन बनाने की एक इकाई लगाई। दूसरे विश्व युद्ध के बाद
यह शहर न सिर्फ मोटर कारों का बल्कि अन्य कामर्शियल वाहनों के उत्पादन का प्रमुख केंद्र
बन गया। बड़ी संख्या में मुख्य इकाइयों और अनुषांगिक इकाइयों में निवेश हुए। बड़ी
संख्या में लोगों को रोजगार भी मिला।
आटो इंडस्ट्री के जरिये
यही प्रयास हिंदुजा समूह से मिलकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार भी
करने जा रही है। पिछले दिनों इसी बाबत मुख्यमंत्री की मौजूदगी में धीरज हिंदुजा
समूह के स्वामित्व वाली लीलैंड कंपनी से 1500 करोड़
रुपये का मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमोयू) हुआ। यह एमओयू इलेक्ट्रिकल कमर्शियल
वाहनों के लिए हुआ। खास बात यह है कि प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिकल कमर्शियल वाहनों
के उत्पादन के लिए पहली बार किसी औद्योगिक घराने से ऐसा (एमओयू) किया है। फिलहाल
कंपनी और सरकार का संबंधित विभाग, इसके लिए जमीन तलाश रहे हैं। अधिक संभावना यह
है कि प्रस्तावित इकाई लखनऊ के बंद पड़ी स्कूटर्स इंडिया की खाली जमीन पर लगेगी।
हालांकि प्रयागराज में भी जमीन देखी गई है।
यूपी में किसी दिग्गज ऑटो
कंपनी का यह पहला निवेश होगा
अगर लखनऊ में हिंदुजा का
यह प्लांट लगा तो भविष्य में नवाबों का यह शहर डेट्रायट की तरह मोटरसिटी के रूप
में भी जाना जाएगा। यही नहीं हाल के वर्षों गुजरात और दक्षिण भारत को छोड़ दें तो
उत्तर प्रदेश में किसी दिग्गज आटो कंपनी का यह पहला और बड़ा निवेश होगा। इसके पहले
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में अंबेसडर और हरियाणा के मानेसर में मारुति सुजुकी ने
इस सेक्टर में बड़ा निवेश किया था।
बड़े पैमाने पर मिलेंगे
रोजगार
उल्लेखनीय है की इस तरह का
महत्वाकांक्षी निवेश निवेशक के लिए तो लाभप्रद होता ही है इसमें बड़े पैमाने पर
लोगों को रोजगार भी मिलता है। मुख्य इकाई के साथ कल पुर्जे बनाने वाली स्थानीय
इकाइयों और तैयार वाहनों के ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन के भी क्षेत्र में।
हिंदुजा की इकाई लगने से ये सारे लाभ उत्तर प्रदेश खासकर जहां यह इकाई लगेगी वहां
के लोगों को होंगे। प्रस्तावित इकाई में कमर्शियल इलेक्ट्रिकल वाहन ही बनेंगे।
भविष्य में प्रदूषण के मद्देनजर सरकार का पूरा फोकस ऐसी ही वाहनों की ओर है
क्योंकि सरकार भविष्य में ऐसे ही वाहनों के संचलन के पक्ष में है। इस इकाई से
स्थानीय जरूरत के बाद अन्य प्रदेशों एव देशों में भी इनका निर्यात हो सकेगा।
एक ट्रिलियन अर्थवयस्था के
लक्ष्य में भी मिलेगी मदद
वैश्विक महामारी कोरोना के
कहर के बाद से सर्वाधिक तेजी से उभरे सेक्टर्स में ऑटो इंडस्ट्री ही है। आंकड़ों
के मुताबिक जीडीपी की वृद्धि में ऑटोमोबाइल उद्योग का बहुत बड़ा योगदान होता है।
देश की कुल जीडीपी में इस सेक्टर का योगदान करीब 21 फीसद
है। करीब दो करोड़ लोगों को इस सेक्टर में रोजगार मिला हुआ है। सेक्टर के प्रगति
की दर यही रही तो 2030 तक इस क्षेत्र में करीब पांच करोड़ लोगों को रोजगार
मिलेगा। तब इसमें उत्तर प्रदेश का का भी एक बड़ा योगदान होगा। यह एक ट्रिलियन डॉलर
की अर्थवयस्था का लक्ष्य हासिल करने में भी मददगार होगा।
एक नजर में देश की ऑटो
इंडस्ट्री
भारत इस समय दुनिया में
ट्रैक्टर उत्पाद में नंबर एक, बस उत्पादन में नंबर दो और भारी ट्रक उत्पादन
करने में तीसरे नंबर पर है। अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में भारत ई-कारें
उत्पादित करने के मामले में तीसरे नंबर पर होगा। इन कारों की बिक्री बढ़ने का बड़ा
कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में वृद्धि के साथ घटती कीमतें होंगी। यह इस
सेक्टर में क्रांति जैसी होगी। और इस क्रांति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की
पहल और दूरदर्शिता से उत्तर प्रदेश एक अहम किरदार होगा।
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महाराज जी अगर आप नहीं
होते तो मेरी बेटी की शादी नहीं हो पाती
- जेवर के
किसानों ने शौर भूमि को सामान्य श्रेणी की भूमि घोषित करने पर सीएम योगी को दिया
धन्यवाद
- कैबिनेट
से मंजूरी मिलने के बाद 3 अगस्त को जारी किया गया था शासनादेश
लखनऊ, 25 सितंबर:
महाराज जी मेरी बेटी की शादी नहीं हो पाती, यदि शौर
भूमि पर आप निर्णय नहीं लेते। बरसों पुरानी मेरी जमीन हाथ से निकल गई थी। मुझे रात
में नींद भी नहीं आती थी, लेकिन आपने हमारे पक्ष में निर्णय लेकर हमे
जीवन की नई धारा से जोड़ा है। इससे मैं और मेरा परिवार बहुत खुश है। ये शब्द जेवर
के ग्राम रन्हेरा के वनवारी प्रजापति के हैं। उन्होंने यह बात मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ से किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान आभार प्रकट करते
हुए कही।
जमीन के मुआवजे और दाखिल
खारिज पर लगा दी गयी थी रोक
मालूम हो कि एक शासनादेश
के माध्यम से शोर भूमि के पट्टे करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही और
प्रदेश के उन किसानों के मुआवजे तथा दाखिल-ख़ारिज पर रोक लगा दी गयी थी, जिनके
पास शौर श्रेणी की भूमि थी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर
किसानों के पक्ष में निर्णय लेने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया गया। इसके बाद 3 अगस्त
को शासनादेश के माध्यम से शोर भूमि को सामान्य श्रेणी की भूमि घोषित किया गया।
इससे प्रदेश के हजारों किसानों को भूमिधारी अधिकार प्राप्त होने लगे।
45 वर्ष
पहले किसानों को दिया गया था पट्टा
योगी सरकार के फैसले से
खुश किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनका शुक्रिया अदा किया।
इस दौरान रामप्रसाद नाई भू-धारक रन्हेरा ने भावुक होते हुए कहा कि महाराज जी मैं
जाति से खटीक हूं और बहुत गरीब हूं। मुझे वर्ष 1978 यानी कि
45
वर्ष पूर्व पट्टा मिला था, जो हमारी रोजी रोटी का एकमात्र जरिया था। वहीं
आपके शोर भूमि के निर्णय ने हमारी जिंदगी बदल दी, वरना
हमारी बच्चियों की शादी भी नहीं हो पाती। हम आपका ये उपकार कभी नहीं भूलेंगे।
मेघराज जाटव निवासी ग्राम वीरमपुर ने कहा कि योगी जी आपने हमारे घर में खुशियां
लौटा दीं, वरना
भूखे मरने की नौबत आ गई थी। हमारे बच्चे सदैव आपके अहसानमंद रहेंगे। वहीं विशंभर
खटीक ग्राम मुढरह ने सीएम योगी के पूछने पर बताया कि मुझे 9 बीघा का
पट्टा मिला था। आपके फैसले से हमारे बच्चों का भविष्य संवर गया है।
प्रतिनिधिमंडल में लयकराम, ओमकार
सिंह, नानक
चंद जाटव, प्रभारी
मंत्री बृजेश सिंह, जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा, यमुना
एक्सप्रेस वे औधोगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह, ग्रेटर
नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी, भाजपा
पश्चिम के अध्यक्ष सतेन्द्र सिंह शिशोदिया आदि मौजूद रहे।
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सभी विभागों में रिक्त
पदों को तत्काल भरें, कतई न हो देर: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने सभी
विभागों से मांगा रिक्त पदों का विवरण, भर्ती प्रक्रिया तेज करने के
निर्देश
पदोन्नति के लिए
परफॉर्मेंस को बनाएं आधार, 30 सितम्बर तक पूरी हो जाये विभागीय पदोन्नति:
मुख्यमंत्री
पुलिस विभाग में विभिन्न
पदों पर जारी चयन की प्रक्रिया आगामी दिसंबर तक हो जाए पूरी: मुख्यमंत्री
दक्षता संवर्द्धन में
तकनीक का करें उपयोग, भर्ती के साथ प्रशिक्षण क्षमता भी बढ़ाना जरूरी:
मुख्यमंत्री
आकांक्षात्मक जनपद, आकांक्षात्मक
विकास खंड और आकांक्षात्मक नगरीय निकायों में रिक्त न रहे एक भी पद, तत्काल
हो तैनाती: मुख्यमंत्री
वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा, गौतमबुद्ध
नगर व गाजियाबाद जनपद में खाली न रहें कोई पद
वर्तमान बजट में
प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए: मुख्यमंत्री
लखनऊ, 25 सितंबर:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सभी विभागों में रिक्त पदों पर यथाशीघ्र
नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को सभी विभागों के अपर
मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गणों के साथ विभागवार कार्मिकों की व्यवस्था की समीक्षा
करते हुए मुख्यमंत्री जी ने अनेक दिशा-निर्देश दिए...
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि शासकीय विभागों में मानव संसाधन का अभाव विभागीय कार्यक्षमता और
जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।नियुक्तियों में विलंब से केवल बैकलॉग बढ़ता है, बल्कि
युवाओं की अपनी योग्यता के अनुरूप अवसर भी नहीं मिलता। इसलिए यह आवश्यक है कि
प्रत्येक विभाग अपने यहां नियुक्ति की प्रक्रिया को समय से आगे बढाएं। रिक्तियों
के संबंध में जिलों से प्राप्त हो रही जानकारी की समीक्षा भी करें।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि सभी विभागों में ग्राम/नगर और जिला से लेकर शासन स्तर तक प्रत्येक
संवर्ग की गहनता से समीक्षा कर आवश्यक रिक्तियों की स्थिति स्पष्ट की जाए।
नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के माध्यम से सभी विभागों में रिक्तियों/ प्रचलित
नियुक्ति प्रक्रिया और आवश्यक मानव संसाधन की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री
कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की
गई है, उसका
उपयोग करें। नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व आरक्षण नियमावली का सूक्ष्मता
से परीक्षण कर लिया जाए।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि बदलते दौर के साथ नगर विकास जैसे विभागों में अनेक नवीन पदों के सृजन
की आवश्यकता है। तदनुसार कार्यवाही की जानी चाहिए। राजस्व विभाग में समायोजित किये
गए चकबंदी लेखपालों का विधिवत प्रशिक्षण कराएं। पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर
जारी चयन की प्रक्रिया आगामी दिसंबर तक पूरी कर लें।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि समयबद्ध पदोन्नति शासकीय सेवा का हिस्सा है। हर कर्मचारी को नियत समय
पर इसका लाभ मिलना ही चाहिए। पदोन्नति के लिए परफॉर्मेंस को आधार बनाएं। इस वर्ष
मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/ विभागाध्यक्ष अथवा लोक सेवा आयोग स्तर पर
की जाने वाली पदोन्नति की कार्यवाही प्रत्येक दशा में 30 सितंबर
तक पूरी कर ली जाए।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि जिन विभाग में अतिरिक्त कार्मिकों की उपलब्धता हो, उन्हें
नियमानुसार अन्य विभागों में समायोजित किया जाए। पदोन्नति वाले पदों में यदि योग्य
अभ्यर्थी न मिलें तो प्रतिनियुक्ति पर विचार किया जाना चाहिए। पदोन्नति में
आवश्यकतानुसार शिथिलीकरण भी किया जा सकता है।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि भर्ती के सापेक्ष हमें प्रशिक्षण क्षमता को भी बढ़ाना होगा तथा तकनीक
का उपयोग करते हुए भर्ती प्रक्रिया में लगने वाले समय को और कम करना होगा।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा, गौतमबुद्ध
नगर व गाजियाबाद जनपद में विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं। इसके
कारण अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। प्राथमिकता के साथ यहां
योग्य कार्मिकों की तैनाती की जाए।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद, आकांक्षात्मक विकास खंड और आकांक्षात्मक नगरीय
निकायों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए यह सुनिश्चित करें कि इन क्षेत्रों में किसी
भी प्रकार मानव संसाधन की रिक्ति न हो।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि विभिन्न कार्यों में तैनात आउटसोर्सिंग कार्मिकों ने उत्कृष्ट कार्य
किया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी कार्मिकों को न्यूनतम मानदेय अवश्य मिले, समय पर
मिले और पूरा मिले। किसी भी दशा में एक भी कर्मचारी का शोषण नहीं होना चाहिए।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही समाप्त होने
वाली है। सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च
किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आवंटन और व्यय में तेजी की अपेक्षा है। विभाग स्तर
भी पर खर्च की समीक्षा भी जाए। संबंधित मंत्रीगण अपने विभागीय स्थिति की समीक्षा
करें। मुख्य सचिव द्वारा विभागीय आवंटन और व्यय की स्थिति की मासिक समीक्षा की
जाए।
● मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के
लिए केंद्र सरकार द्वारा हमें हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य
स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें। भारत सरकार के मंत्रीगणों से संवाद करें।
सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजना सुनिश्चित करें।
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पं. दीनदयाल उपाध्याय की 107वीं
जयंती पर सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
- बोले-
पीएम मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार पूरा कर रही पंडित जी का सपना
- आज हुए
देश के सर्वांगीण विकास के पीछे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की प्रेरणा : सीएम योगी
लखनऊ, 25 सितंबर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित
दीनदयाल उपाध्याय की 107वीं पुण्यतिथि पर चारबाग स्थित उनकी प्रतिमा पर
पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय
के आदर्शों को याद करते हुए कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का
कल्याण व विकास उनका सपना था। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा
की डबल इंजन सरकार पंडित जी के उसी सपनों को पूरा कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि
अन्त्योदय के प्रणेता, एकात्म मानववाद की दृष्टि को भारत की राजनीति के
एजेंडे का हिस्सा बनाने वाले एवं राजनीति में शुचिता व ईमानदारी के प्रबल समर्थक
की आज पावन जयंती है। सीएम योगी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि पंडित दीनदयाल
उपाध्याय जी का जन्म मथुरा जनपद के एक छोटे से गांव में हुआ। भारत और भारतीयता के
प्रति उनका दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट था। उनका कहना था कि भारतीय दृष्टिकोण विश्व कल्याण
का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के बारे में
उनकी धारणाएं बहुत ही स्पष्ट थीं। उन्होंने कहा था कि आर्थिक उन्नति और प्रगति का
पैमाना ऊंचे पायदान पर बैठे व्यक्ति से नहीं बल्कि सबसे नीचे पायदान पर बैठे
व्यक्ति से किया जाना चाहिए। अन्त्योदय की उनकी अवधारणा स्वतंत्र भारत में गरीब
कल्याण का माध्यम बना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल
बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 1998 से 2004 तक
कार्य करने वाली सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को प्रेरणा मानते हुए
गरीब कल्याण की अनेक योजनाएं शुरू की। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल
में चलने वाली सभी योजनाओं के पीछे प्रेरणा पंडित जी के अन्त्योदय का संकल्प ही
है। पिछले साढ़े 9 साल में देश के जिस सर्वांगीण विकास को हम सब देख
रहे हैं, यह
चमत्कार पंडित जी की ही प्रेरणा है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री
ब्रजेश पाठक, मंत्री
स्वतंत्रदेव सिंह, बीजेपी महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सुषमा
खरकवाल, डॉ
नीरज बोरा, मुकेश
शर्मा, जय
देवी, रामचंद्र
प्रधान, निर्मल, पूर्व
महापौर संयुक्ता भाटिया, नीरज सिंह मौजूद रहे।
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