बलरामपुर///श्रावणी पूर्णिमा को रक्षाबन्धन का पावन पर्व पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है ।इस पर्व को संस्कृतज्ञ संस्कृत दिवस के रूप में मनाते हैं ।
इस अवसर पर प्रस्तुत हैं शब्दोपहार के रूप में कुछ पंक्तियां
रक्षाबंधन पर्व है भारत में विख्यात । बहनों को रक्षा वचन देते हैं सब भ्रात ।इन्द्राणी ने इन्द्र को बांधा रक्षा सूत्र ।रक्षाप्रद  वा विजयप्रद है यह रक्षा सूत्र ।।
इससे रक्षित इन्द्र जी इतने हुए समर्थ ।
हुए पराजित असुरगण हुईं शक्तियां व्यर्थ ।।
महाबली बलि  थे बंधे इससे दानवराज ।
नारायण के भक्त बन करते थे सब काज ।।
रक्षाबन्धन पर्व पर तर्पण करना धर्म ।
वर्णित यही व्रतार्क में जानो इसका मर्म ।।
देव पितर ऋषिगणों का तर्पण करके लोग । 
अति पवित्र मन से करें रक्षासूत्र प्रयोग ।।
ये रेशम के सूत्र हैं सम्बन्धों की डोर ।
जोड़ें भाई बहन को  इन धागों के छोर ।।
करे सुमंगल जगत् का रक्षाबन्धन पर्व ।
भारतवासी  स्वस्थ हों खुशियां मिलें अखर्व ।।



साभार
डा द्विवेदी सर

उमेश चंद्र तिवारी
 हिंदी संवाद न्यूज
 बलरामपुर 

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