राजकुमार गुप्ता 
आगरा। आजकल ऑनलाइन गेम पबजी की लत बच्चों के लिए काफ़ी खतरनाक साबित हो रही है। इसकी लत इतनी घातक और खतरनाक है कि अब बच्चे अपनों की और ख़ुद की जान भी ले सकते है। पबजी जितना ज्यादा पॉपुलर है, इसके साइड इफेक्ट भी उतने ही हैं। यह गेम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर डाल रहा है। इसलिए समय रहते अपने बच्चे को पबजी गेम की लत से बचाएं।

इस सन्दर्भ में लोकप्रिय एवं सुप्रशिद्ध राष्ट्रवादी सामजिक चिंतक एवं वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान साहब ने प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया कि पबजी यानी प्लेयर-अननोन्स बेटल ग्राउंड्स एक ऑनलाइन गेम है, इसमें 100 खिलाड़ी एक विमान से एक बड़े टापू पर छलांग लगाते हैं। वहां वे इधर-उधर बिखरे हथियार और औजार उठाते हैं। इनमें लंबी दूरी पर देख सकने वाले लैंस लगी मशीन गन, हेल्थ किट, इलाज का सामान आदि जैसी चीजें होती हैं। जीप जैसे वाहन भी पा सकते हैं। सभी खिलाड़ी हथियार खोजकर एक-दूसरे को मारने की कोशिश करते हैं। खिलाड़ी 4 लोगों का समूह भी बना सकते है। खिलाड़ी का अंतिम लक्ष्य सब को मारकर खुद जिंदा बचे रहना है। पबजी जितना ज्यादा पॉपुलर है, इसके साइड इफेक्ट भी उतने ही हैं। यह गेम बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास पर बुरा असर डाल रहा है। उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बच्चे ने पबजी गेम खेलते-खेलते अपने हाथ की नस और हाथ की तीन उंगलियां काट लीं। वहीं, पिछले दिनों मध्य प्रदेश का एक मामला सामने आया, जिसमें एक बच्चा लगातार छह घंटे तक पबजी खेलता रहा, इसके बाद उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई। यह कोई नया मामला नहीं, यह कोई नया मामला नहीं है। पिछले साल लखनऊ में पबजी वीडियो गेम की लत के शिकार एक 16 साल के बच्चे ने अपनी मां की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बच्चे ने मां की हत्या इसलिए की, क्योंकि उसने बच्चे को पबजी गेम खेलने से रोका था। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के नागौर में भी सामने आया था। यहां एक किशोर ने पबजी की लत के कारण अपने चचेरे भाई की गला दबाकर जान ले ली थी। ऐसे और भी मामले है, जहां घातक परिणाम देखे गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को इस खतरनाक लत से कैसे बचा सकते हैं। इस के लिए समय रहते अपने बच्चे को पबजी गेम की लत से बचाएं। इस खतरनाक आदत को बच्चाें से छूड़ाएं। यदि आपको अपने बच्चे की दिनचर्या में बदलाव नजर आए। उसका पूरा कामकाज पबजी के इर्द-गिर्द ही दिखाई देने लगे तो समझिए वह इस खेल की गिरफ्त में जा रहा है। उसका स्वभाव आक्रामक और गुस्सैल हो सकता है। पबजी खेलने से रोकने पर वह हिंसक हो उठता है या गाली-गलौज भी कर सकता है। इस खेल की लत में आया बच्चा आमतौर पर गुमसुम दिखाई देता है। उसकी याददाश्त में कमी आना, बात बिगड़ने के संकेत हैं। यदि बच्चे को पबजी की लत है, तो आपको उसे सीधे खेलने से इनकार करने की बजाय पबजी से बेहतर और मनोरंजक खेल विकल्प देना होगा। ये खेल फुटबॉल, क्रिकेट, शतरंज, वर्ग पहेली आदि हो सकते हैं। यदि आपको लगता है कि उसकी लत सामान्य नहीं है, यह आगे जाकर घातक हो सकती है, तो उसे तुरंत किसी अच्छे मनोचिकित्सक को दिखाएं। घर में लगे वाई-फाई की स्पीड लो रखें। ऐसा होने से उसके इंटरनेट कनेक्शन की स्पीड में रुकावट आएगी और खेल में परेशानी होगी। इस तरह उसे रोका जा सकता है। दूसरे ऑनलाइन खेलों के बारे में बताएं। पहले खुद देखें कि वे पबजी जैसे ही मनोरंजक हैं और किसी तरह की हानि से वाकई मुक्त हैं या नहीं। वहीं, डॉक्टरों का मानना हैं कि पबजी से ये समस्याएं हो सकती हैं। जैसे - आई साइट में कमजोरी। अन्य दिमागी समस्याएं। गर्दन या मसल्स में सूजन आना। नींद खराब होना, नींद न आना। हमेशा ऊर्जा की कमी बनी रहना। किसी काम में मन न लगना। सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती। दिमाग असली और काल्पनिक में भ्रमित हो सकता है।

श्री खान साहब ने आगे बताया कि यदि उनके पैरेंट्स इसे सामान्य मान रहे हैं, तो ये उनकी बहुत बड़ी भूल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह कोई नया मामला नहीं, बरेली का रहने वाला 12 वर्षीय बच्चा पबजी लत में इस तरह डूबा रहता है कि कई बार खाना-पीना और स्कूल जाना भूल जाता है। उसने पबजी में रॉयल पासेज, एलीट पासेज, पबजी रैंकिंग, क्रेट गिफ्ट आदि खरीदने के लिए 15 हजार रुपए तक खर्च कर दिए और पबजी की जानलेवा लत के चलते बच्चे ने ब्लेड से अपनी नस और उंगलियां काट ली, बच्चे को जख्मी हाल में परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। घटना बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र की है। बच्चा ऐसा कदम उठाएगा, परिजनों को विश्वास नहीं हो रहा है। घटना बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र की है। बच्चा पांचवी कक्षा का स्टूडेंट है। परिजनों के मुताबिक, बच्चे को पबजी गेम का इतना शौक था कि जब उनके घर में कोई रिश्तेदार आता था तो वह सबसे पहले उनका मोबाइल लेकर अपने कमरे में चला जाता था। गेम खेलना उसे इतना अच्छा लगता कि वह अपना सुध-बुध खो बैठता था। बताया जा रहा है कि परिजन बच्चे को जख्मी हाल में पास के अस्पताल में इलाज के लिए ले गए लेकिन, वहां के डॉक्टरों ने देखा कि बच्चे का खून अधिक बह गया है तो उसे दूसरे अस्पताल में जाने के लिए कह दिया। अब बच्चे को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, इस मामले में परिजनों ने पुलिस से कोई शिकायत नहीं की है। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की हालत खतरे से बाहर है। उसके जख्म पर मरहम-पट्टी की गई है। उसके हालत में सुधार आने पर उसे घर भेज दिया जाएगा। इतना होने के बावजूद बच्चे के माता पिता उसकी इस आदत पर लगाम लगाने में खुद को असहाय पा रहे हैं। यह सिर्फ खर्च की बात नहीं है, बल्कि बच्चे के दिमाग पर जो इस खेल का असर हो रहा है, वह आगे जाकर जानलेवा हो सकता है। इस तरह के तमाम ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें पबजी की खतरनाक लत है और वे इसे समझ नहीं पा रहे हैं। यदि उनके पैरेंट्स इसे सामान्य मान रहे हैं, तो ये उनकी भूल है। ऐसे और भी मामले प्रकाश में आप रहें है, जहां खतरनाक और घातक परिणाम देखे गए हैं। इसलिए हमारी अपील हैं कि समय रहते अपने बच्चे को खतरनाक पबजी गेम की लत से बचाएं।

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