अंबेडकर नगर। मानसिक बीमार पति से ली गई वसीयत पर अदालत दर अदालत हार चुके बीपक्षियो द्वारा खतौनी धारक विधवा महिला की जमीन और आबादी को जबरिया कब्जा कर लिया हैं। बोई गई फसल को पुलिस की मदद से उलट दिया गया। विपक्षी पुलिस विभाग में सिपाही है लिहाजा पुलिस कार्यवाही से गुरेज कर रही है।जिलाधिकारी का आदेश लेकर विधवा महिला अधिकारियों की परिक्रमा कर रही है उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।प्रकरण जैतपुर थाना के ग्राम पंचायत मुंडेहरा के मजरे बसहा निवासिनी आशा देवी मिश्रा का है।पीड़िता विधवा आशा मिश्रा के पति अशोक कुमार मानसिक रूप से बीमार रहते थे।ससुर की मौत के बाद पति की मानसिक स्थिति को देखते हुए तत्कालीन राजस्व विभाग ने आशा देवी को खतौनी में संरक्षक बना दिया जो खतौनी पर अंकित है।इस दौरान विपक्षी जेठ प्रेम कुमार ने रजिस्ट्रार कार्यालय को झूठी सूचना और गुमराह कर मेरे मानसिक रूप से बीमार पति से अपने सिपाही पुत्र अनुपम और दूसरे जेठ श्री प्रसाद के पुत्र रंजय के नाम चल अचल सम्पत्ति का पंजीकृत वसीयत करा लिया।जब पीड़िता को इसकी जानकारी हुई तो उसने तहसीलदार अदालत में आपत्ति दाखिल किया। अदालत ने वसीयत को फर्जी मान निरस्त कर दिया। उपजिला मजिस्ट्रेट अदालत, कमिश्नर अदालत अयोध्या इसके बाद राजस्व परिषद लखनऊ में विपक्षियों द्वारा योजित वाद निरस्त कर दो हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया। पीड़ित विधवा द्वारा बोई गई फसल को उलट दिया जा रहा है। विधवा न्याय की आस में तहसील और थाना का चक्कर लगा रही है।

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