उतरौला डुमरियागंज मुख्य मार्ग से
ग्राम सभा कुंडऊ को जाने वाला डामर रोड पिछले कई वर्षों से जगह-जगह टूट कर गड्ढे में तब्दील हो गया है। ग्राम वासियों व राहगीरों को जान जोखिम में डालकर सफर तय करना पड़ता है।
इस जर्जर सड़क पर सभी का चलना दूभर है। रात के समय राहगीर फिसल कर चोटिल हो जाते हैं। शफीकुर्रहमान, मोहम्मद जाहिद खान, जफर खान, पप्पू, नासिर हुसैन, मौलाना किरातुउल्ला, पप्पू अंसारी, शमीम, साधु साहू, सुरेंद्र कुमार, दिलीप कुमार, चिनके, मेराज अहमद, सईद अंसारी, समीर, हम्माद आलम, असलम पठान समेत दर्जनों ग्राम वासियों का कहना है कि मुख्य मार्ग से गांव तक जाने वाली यह दो किलोमीटर की लंबी सड़क पूरी तरह टूट चुकी है। और इस सड़क की चौड़ाई भी बेहद कम है। आमने सामने से दो वाहन आने पर एक वाहन को सड़क से नीचे उतरना पड़ता है तभी दूसरा वाहन पास होता है।
सरकार द्वारा सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बहुत सी घोषणाएं की हुई हैं, जिन पर विभागीय अधिकारी काम करने का दावा करते हैं। लेकिन, जो सड़कें पहले से ही पक्की हैं और गड्ढों में तब्दील हो रही है उनकी तरफ न तो सरकार के नुमाइंदों का ध्यान जा रहा है न ही विभाग के कार्यालयों में बैठे उच्च अधिकारियों का।
सड़कों की मरम्मत के लिए प्रति वर्ष करोड़ों रुपये का बजट विभागों में आता है। सड़कों की हालत को देखकर ऐसा लगता है यह बजट मात्र फाइलों में ही पूरा हो रहा है तथा सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों का अभियान भी दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा है। लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के चलते कुंडऊ रोड गड्ढों में तब्दील हो चुका है। गड्ढे होने के कारण वाहन चालकों और राहगीरों को जान का जोखिम बना रहता है।
यह सड़क उतरौला डुमरियागंज मुख्य मार्ग से कुंडऊ होते हुए जनपद सिद्धार्थनगर को भी जोड़ती है। सड़क पर गड्ढे होने के चलते वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। इस रोड की चौड़ाई भी बहुत कम है, ऐसे में दो वाहनों का एक साथ निकलना दुर्घटना को दावत देना जैसा ही है। विभागीय अधिकारियों उक्त सड़क के गड्ढे को भरवाने की जहमत तक नहीं उठा रहे हैं। पिछले कई साल से इस टूटी हुई सड़क को चौड़ीकरण के साथ बनवाने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं।
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