सरूपगंज:-शिव महापुराण कथा का वाचन
करते हुए कथा व्यास आचार्य कमल कृष्ण जोशी ने बताया कि तारकासुन नामक दैत्य ने भयंकर उत्पाद मचाया भगवान शिव ने अपनी दिव्य शक्तियों के द्वारा उसका उद्धार किया तारकासुर नामक दिव्य को परमगती, प्रदान की। परम पिता परमात्मा जीव की रक्षा के लिए दैत्यों का उद्धार करते हैं। वेदों में भगवान शिव कोअव्यक, अजन्मा, पालक, संहारक कहकर गुणगान किया है।
शिव का अर्थ ही है कल्याणस्वरूप परब्रह्म के इस
कल्याणरूपी उपासना प्रत्येक मनुष्य को करनी चाहिए। भगवान शिव कल्याण कारी है ! और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। और श्री शिव महापुराण भगवान शिव का साक्षात् वाङ्मय स्वरूप है।
मुरलीदास जी महाराज आबूपर्वत,ओम प्रकाश अग्रवाल, प्रदीप शर्मा, मुकेश जोशी मदन भी बंसल, साबरमल अग्रवाल, मनोज भाई अग्रवाल, अशोक भाई अग्रवाल, राजु भाई, सुरेशजी अग्रवाल, प्रिंस अग्रवाल, बबलूभाई अग्रवाल, दिनेश बंसल,नागेश जोशी
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