रायबरेली। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर सोमवार को बचत भवन सभागार में जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 अगस्त से जिले में आईडीए राउंड शुरू हो रहा है। इस दौरान आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वयं सेवक घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगे। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है और इससे बचने का एकमात्र उपाय समय पर फाइलेरियारोधी दवा सेवन करना है जिससे कि समय रहते फाइलेरिया के परजीवी पर नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी लोग माइक्रो प्लान के हिसाब से कार्य करें, और इस कार्यक्रम को सफल बनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि गांवों में इस अभियान का शुभारंभ ग्राम प्रधान व अन्य प्रतिष्ठित लोगों से कराएं और प्रयास करें कि हर एक व्यक्ति दवा का सेवन करे।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग व एनजीओ के लोग दवा से होने वाली दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक करते हुए बताएं कि इसका दुष्प्रभाव बहुत देर तक नहीं रहता है और ना ही इतना गंभीर होता है, कि किसी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़े। दवा के साइड इफेक्ट्स कुछ ही देर में समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति एक-दो घंटे में सामान्य हो जाता है। लोगों को बताएं कि फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के दुष्प्रभाव के प्रबंधन के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) हमेशा तैयार रहेगी। आईडीए राउंड के तहत फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन सभी को सुनिश्चित कराने के लिए इस अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। जहां जहां से अभी तक माइक्रोप्लान नहीं आ आए हैं वह कल तक अपना माइक्रो प्लान जिले पर पहुंचाएं।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. वीरेंद्र सिंह, संचारी रोग के नोडल अधिकारी डाॅ. श्रीकृष्ण, जिला मलेरिया अधिकारी भीखुल्लाह , स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डीएस अस्थाना, सहयोगी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर), पाथ और प्रोजेक्ट कंसर्न इंटेरनेशनल के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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