लखनऊ 8 अगस्त। चिल्ड्रंस गर्ल्स स्कूल आजमगढ़ में हुई घटना में शिक्षक एवं प्रधानाचार्या की गिरफ्तारी के बाद एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स, उत्तर प्रदेश ने स्कूलों को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से ‘स्कूल सुरक्षा बिल’ अथवा इस संबंध में शासनादेश के माध्यम से गाइडलाइन लाने की अपील की है, जिसके लिए एसोसिएशन आज माननीय मुख्यमंत्री जी को एक प्रत्यावेदन भी देने जा रहा है। प्रेस क्लब लखनऊ में आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में एसोएशन के अध्यक्ष डॉ. अतुल कुमार ने कहा कि निश्चित रूप से एक छात्रा के द्वारा स्कूल में की गयी आत्महत्या से हम सभी अत्यन्त दुखी हैं, किन्तु इस संबंध में बिना किसी जांच के शिक्षक एवं प्रधानाचार्या की धारा 305 के तहत गिरफ्तारी से उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षक, प्रधानाचार्या एवं संचालक अत्यन्त ही डरे और सहमे हुए हैं। इस प्रेस कांफ्रेस में एसोसिएशन के अध्यक्ष के साथ ही उपाध्यक्ष श्री मंसूर हसन खान, सचिव श्री बृजेश शर्मा, संयुक्त सचिव श्रीमती पूनम, कोषाध्यक्ष श्री राम विलास के साथ ही कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।
डॉ. अतुल कुमार ने कहा कि छात्रा के द्वारा आत्महत्या किया जाना वास्तव में अत्यंत दुखद घटना है किंतु इस घटना पर यह सवाल उठता है कि कैसे विद्यालय का प्रिसिपल और शिक्षक इसमें दोषी हो सकता है, जिनको धारा 305 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। स्कूलों में बच्चों के द्वारा मोबाइल फोन लाना मना है। ऐसे में बच्चों के माता-पिता उनको मोबाइल फोन क्यों देते हैं, जिसका कि बच्चे दुरूपयोग भी करते हैं। वास्तविकता यह है कि आज किसी भी विद्यालय में जरा-जरा सी बात पर अभिभावक थ्प्त् करने की धमकी देते हैं और बच्चों ने शिक्षक शिक्षिकाओं एवं विद्यालय को सम्मान देना बंद कर दिया है।
डॉ. अतुल कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह सभी बच्चों एवं अभिभावकों के द्वारा किया जाता है 2 से 5ः तक ऐसे अभिभावक उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालयों में मिल जाएंगे। सच्चाई तो यह है कि आज बच्चों को कुछ भी कहने में शिक्षक डरते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि बच्चे ने यदि कोई भी गलत कदम उठा लिया तो दोष उन्हीं के ऊपर आएगा।’ ऐसे में सरकार को इस संबंध में अति शीघ्र स्कूल सुरक्षा बिल या इस संबंध में शासनादेश लाना चाहिए जिसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाये कि स्कूल में इस प्रकार की हुई किसी भी घटना की जांच किये बिना किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की जायेगी।
डॉ. अतुल कुमार ने कहा कि छात्रा के द्वारा आत्महत्या किया जाना वास्तव में अत्यंत दुखद घटना है किंतु इस घटना पर यह सवाल उठता है कि कैसे विद्यालय का प्रिसिपल और शिक्षक इसमें दोषी हो सकता है, जिनको धारा 305 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। स्कूलों में बच्चों के द्वारा मोबाइल फोन लाना मना है। ऐसे में बच्चों के माता-पिता उनको मोबाइल फोन क्यों देते हैं, जिसका कि बच्चे दुरूपयोग भी करते हैं। वास्तविकता यह है कि आज किसी भी विद्यालय में जरा-जरा सी बात पर अभिभावक थ्प्त् करने की धमकी देते हैं और बच्चों ने शिक्षक शिक्षिकाओं एवं विद्यालय को सम्मान देना बंद कर दिया है।
डॉ. अतुल कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह सभी बच्चों एवं अभिभावकों के द्वारा किया जाता है 2 से 5ः तक ऐसे अभिभावक उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालयों में मिल जाएंगे। सच्चाई तो यह है कि आज बच्चों को कुछ भी कहने में शिक्षक डरते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि बच्चे ने यदि कोई भी गलत कदम उठा लिया तो दोष उन्हीं के ऊपर आएगा।’ ऐसे में सरकार को इस संबंध में अति शीघ्र स्कूल सुरक्षा बिल या इस संबंध में शासनादेश लाना चाहिए जिसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाये कि स्कूल में इस प्रकार की हुई किसी भी घटना की जांच किये बिना किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की जायेगी।
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