जौनपुर। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला पहला देश बना भारत

जौनपुर। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतर गया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग भारत की सामर्थ्य और शक्ति का सशक्त प्रदर्शन है। 
         
 प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में इसरो के वैज्ञानिकों ने वह कर दिखाया,जो कोई नहीं कर सका। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अब तक दुनिया के लिए असंभव था, लेकिन हमारे दूरदर्शी वैज्ञानिकों ने इसे संभव कर दिखाया है। वसुधैव कुटुम्बकम् की पवित्र भावना के साथ ह्म सभी वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई और देशवासियों को शुभकामनाएं देते हैं। 
       
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्गत निर्देश के अनुक्रम भारत के अंतरिक्ष अंवेषण की खोज चंद्रयान-3 की  23 अगस्त 2023 को जनपद जौनपुर कक्षा 01 से 08 तक संचालित समस्त प्रकार के विद्यालयों मे विद्यालयों मे अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं कार्यरत शिक्षकों को सायं 05:15 से विद्यालयों मे विशेष सभा का आयोजन कर चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के उतरने का सीधा प्रसारण इसरो के अधिकारिक youtube Channel और DD National पर दिखाया गया। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर गोरखनाथ पटेल द्वारा प्राथमिक विद्यालय ताहिरपुर, विकास खण्ड सिकरारा, जौनपुर मे छात्रों एवं शिक्षकों के साथ सम्मिलित होकर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग  का सीधा प्रसारण देखा गया। 

इसी कड़ी में नगर के जनक कुमारी इण्टर कॉलेज के सभागार में प्रधानाचार्य डॉ जंग बहादुर सिंह अपने विद्यालय के अध्यापक, अध्यापिका, छात्र -छात्राओं के साथ इस ऐतिहासिक पल को देखा। प्रधानाचार्य ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और दृढ़ निश्चय से भारत दुनिया में अपना शीर्ष स्थान बनाने जा रहा है। इस ऐतिहासिक पल पर प्राथमिक स्कूल की टीचर व कवियत्री सुमति श्रीवास्तव लिखती हैं - आसमान में लाखो तारे पर चांद से सुंदर क्या होगा है तूफान घुलता दिल में तो, स्वप्न के अंदर क्या होगा। बढते कदम हमारे जब ,हरपल है इक मंजिल की ओर तब हम सबके कदमों में, चांद से बढकर क्या होगा।
        
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक घटना राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती है। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होते ही विद्यालय मे छात्रों एवं शिक्षकों द्वारा “वंदे मातरम” एवं भारत माता की जय घोष के साथ प्रसारण का समापन किया गया।

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