वृन्दावन।रमणरेती रोड़ स्थित फोगला आश्रम (श्रीजी सदन) में पुरुषोत्तम मास के पावन उपलक्ष्य में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भागवत प्रवक्ता आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज ने देश-विदेश से आए विभिन्न भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीगिरिराज लीला प्रसंग की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि गिरिराज गोवर्धन महाराज साक्षात भगवान श्रीकृष्ण के ही प्रतिरूप हैं।उनमें और श्रीकृष्ण में कोई भेद नहीं है।वस्तुत: भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति का संरक्षण करने के लिए ही गिरिराज पूजा की लीला की थी।जिससे कि लोग प्रकृति के महत्व को जानें और उसकी उपयोगिता का सही से पालन करें।
उन्होंने कहा कि ब्रज की पावन भूमि पर त्रिदेव पर्वत रूप में विद्यमान हैं। जो कि बरसाना में ब्रह्मगिरि (ब्रह्मदेव), नंदगांव में नंदीश्वर पर्वत (महादेव) एवं गोवर्धन में गिरिराज पर्वत (भगवान विष्णु) के स्वरूप हैं।इनकी पूजा व परिक्रमा करने वाले भक्तों के सभी मनोरथ गिरिराज गोवर्धन महाराज निश्चित ही पूर्ण करते हैं।इसीलिए वे सभी ब्रजवासियों के इष्टदेव हैं।
इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की अत्यंत नयनाभिराम और चित्ताकर्षक झांकी के दर्शन कराए गए।साथ ही गिरिराज गोवर्धन को 56 भोग लगा कर उसका प्रसाद वितरित किया गया।
महोत्सव में प्रख्यात धर्माचार्य गौवत्स राधाकृष्ण महाराज, ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, ब्रज भूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, महोत्सव के मुख्य यजमान बालाप्रसाद लड्डा, श्रीमती संतोष लड्डा, किशोर लड्डा, श्रीमती शिल्पा लड्डा (हैदराबाद), भाजपा नेता पंडित योगेश द्विवेदी, युवराज वेदांत आचार्य, राधाकृष्ण भुटाडा, रामस्वरूप, राजकुमार बांग, विद्यासागर, आनंद मोदानी, नारायण दास लड्डा (पुणे), शिरीष भट्ट, सत्यनारायण लोय, घनश्याम दास, गोपाल बांग,डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य ईश्वरचंद्र रावत, भजन गायक विष्णु बावरा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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