मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के तहत अभी तक उपलब्ध करायी जा रही 15,000 रुपये की धनराशि को वित्तीय वर्ष 2024-25 से बढ़ाकर 25,000 रुपये किये जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत बेटी के जन्म लेते ही उसके खाते में 5,000 रुपये हस्तांतरित होंगे। एक वर्ष आयु के होने पर 2,000 रुपये की धनराशि, पहली कक्षा में जाने पर 3,000 रुपये की धनराशि, छठी कक्षा में 3,000 रुपये की धनराशि, नवीं कक्षा में 5,000 रुपये की धनराशि, डिप्लोमा सर्टिफिकेट के कोर्स या स्नातक में जाने पर 7,000 रुपये की धनराशि खाते में हस्तांतरित की जाएगी। डबल इंजन सरकार द्वारा प्रदेश की सभी बेटियों के लिए रक्षाबंधन का यह उपहार है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ की लाभार्थियों से संवाद कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ की 29,523 लाभार्थी बालिकाओं के खातों में
5.82 करोड़ रुपये की धनराशि डिजिटल माध्यम से हस्तांतरित की। उन्होंने इस योजना की 10 लाभार्थी बालिकाओं को प्रतीकात्मक चेक भी प्रदान किये। उन्होंने निराश्रित महिला पेंशन योजना की 05 लाख लाभार्थियों के खातों में 150 करोड़ रुपये की धनराशि भी हस्तांतरित की।
इस अवसर पर पांच बालिकाओं ने मुख्यमंत्री जी को राखी बांधी। ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ की लाभार्थी 05 बालिकाओं ने मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें इस योजना से बहुत सहायता मिली है। इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है और भविष्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन मिला है।
इस अवसर पर ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ से संबंधित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में जो योजनाएं चलायी जा रही हैं, उसके परिणाम हम सबके सामने हैं। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ प्रारम्भ की। यह योजना 06 श्रेणियों में लागू की गई है। प्रथम श्रेणी में बालिका के जन्म पर 02 हजार रुपए, द्वितीय श्रेणी में 01 वर्ष के भीतर बालिका का टीकाकरण पूर्ण होने पर 01 हजार रुपए, तृतीय श्रेणी में कक्षा 01 में प्रवेश के समय 02 हजार रुपए, चतुर्थ श्रेणी में कक्षा 06 में प्रवेश के समय 02 हजार रुपए, पंचम श्रेणी में कक्षा 09 में प्रवेश लेने पर 03 हजार रुपए तथा छठी श्रेणी में स्नातक अथवा कम से कम 02 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर 05 हजार रुपए की एकमुश्त धनराशि प्रदान की जाती है। इस प्रकार कन्या के जन्म से लेकर स्नातक में प्रवेश लेने तक राज्य सरकार 15 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के अंतर्गत अब तक कुल 16 लाख 24 हजार बेटियां लाभान्वित की गयी हैं। वर्ष 2023-24 में इस योजना से अब तक 01 लाख 17 हजार बालिकाओं को आच्छदित किया गया है। आज 29,523 नवीन लाभार्थी बालिकाओं के खातों में धनराशि हस्तांतरित की गई है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 51,000 रुपये की धनराशि बेटी के विवाह के लिए राज्य सरकार उपलब्ध कराती है। प्रदेश में अब तक 02 लाख से अधिक बेटियों का विवाह इस योजना के माध्यम से संपन्न हो चुका है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के परिणामस्वरूप आज डी0बी0टी0 के माध्यम से खातों में धनराशि हस्तांतरित की जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज निराश्रित महिला पेंशन योजना के अंतर्गत 05 लाख महिलाओं के खातों में 150 करोड़ रुपये की धनराशि प्रेषित की गई है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 1,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन का भुगतान किया जाता है। इस योजना की 32 लाख से अधिक लाभार्थियों में 17 लाख से अधिक नई लाभार्थी सम्मिलित हैं। प्रदेश सरकार ने निराश्रित महिलाओं को राशन कार्ड, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 05 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा कवर सहित प्रदेश में संचालित अन्य योजनाओं का लाभ देने की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार ने माताओं, बहनों एवं बेटियों के लिए 29 अगस्त की रात्रि 12 बजे से 31 अगस्त 2023 की रात्रि 12 बजे तक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में और नगरीय क्षेत्र में सिटी बस की सेवा में निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय समाज प्राचीन काल से ही मातृशक्ति के प्रति सम्मान के भाव को प्राथमिकता देता रहा है। यही कारण है कि समाज ने हर उस वस्तु को सम्मान की दृष्टि से आगे बढ़ाने का कार्य किया जिसमें मातृत्व का गुण हो। मातृशक्ति के लिए समाज में दी गई व्यवस्थाओं में विकृतियों के परिमार्जन के लिए समय-समय पर प्रदेश सरकार द्वारा योजनाएं चलाई जाती हैं। किसी भी स्तर पर बेटियों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। बेटियों को सुरक्षा, संरक्षण और आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर प्राप्त होने चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज यहां जिन पांच बेटियों ने अपने संस्मरण सुनाए, आप सबने उनके आत्मविश्वास पूर्ण उद्बोधन को सुना। यह आत्मविश्वास इस बात को प्रदर्शित करता है कि प्रदेश सरकार की योजनाएं सफलतापूर्वक जरूरतमंदों तक पहुंच रही हैं। जब बिना भेदभाव प्रतियोगी और बोर्ड की परीक्षाओं का आयोजन होता है तो मेधा सूची में बेटियों के नाम अधिक होते हैं। जो अभिभावक बेटे और बेटी के बीच भेदभाव करते हैं वे परिवार और समाज दोनों के साथ अन्याय करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया कि बेटों के साथ बेटियां भी अच्छी यूनिफॉर्म और जूता-मोजा पहनकर स्कूल जाएंगी। प्रदेश में बेसिक शिक्षा के स्कूलों में 01 करोड़ 91 लाख बेटे और बेटियों को दो यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूता-मोजा, स्वेटर आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जो लोग आर्थिक कारणों से अपने बच्चों के लिए यह सुविधा नहीं जुटा पा रहे थे, राज्य सरकार उनका संबल बन रही है। यह कार्य प्रदेश में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्नातक स्तर तक बेटियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार अनेक कार्यक्रम आगे बढ़ा रही है। वर्ष 2017 से पूर्व, बालक बालिकाओं के लिंगानुपात में विषमता थी। प्रदेश सरकार के प्रयासों से विगत 6 वर्षों में बेटे और बेटियों के लिंगानुपात अंतर को कम करने में सफलता प्राप्त हुई है। प्रदेश में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-04 (2015-16) में जन्म के समय में लिंगानुपात के सापेक्ष राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-05 (2019-20) में 38 अंकों में वृद्धि हुई है।
वर्ष 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बालिकाओं में एनीमिया की स्थिति में सुधार हुआ है। इसमें राष्ट्रीय औसत से भी अच्छे परिणाम आए हैं। प्रदेश में मातृत्व और शिशु मृत्यु दर काफी हद तक कम करने और राष्ट्रीय औसत के बराबर पहुंचाने में सफलता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं चला रही हैं। पहले गांवों में राशन कोटे की दुकानों का विवाद होता था। अब गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इन्हें सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं। कुपोषित महिलाओं और बच्चों के लिए पोषाहार की योजना भी ‘महिला स्वयं सहायता समूह’ द्वारा सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है। प्रदेश सरकार ने कोरोना कालखण्ड में बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी की योजना प्रारम्भ की थी। वर्तमान में 56,000 महिलाएं बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी के रूप में कार्य कर रही हैं। बैंक का लेनदेन गांव में ही किया जा रहा है। यह महिलाएं 25,000 से 01 लाख 50 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी प्राप्त कर रही हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ वर्ष 2019 में प्रारम्भ की गई थी। प्रदेश में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की स्थिति को मजबूत करना, कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना, समान लिंगानुपात स्थापित करना, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकना, नवजात कन्याओं के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करना, बालिकाओं के जन्म के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करना और उनके भविष्य की अच्छी आधारशिला रखना मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला के उद्देश्यों में सम्मिलित हैं। योजना के अंतर्गत बच्ची के जन्म से लेकर उसके स्नातक होने तक डी0बी0टी0 के माध्यम से बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित की जाती है। यह धनराशि बालिकाओं के भविष्य के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित हो रही है।
इस अवसर पर महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आई0सी0डी0एस0 श्रीमती वीना कुमारी मीना, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार श्रीमती अनामिका सिंह, सूचना निदेशक श्री शिशिर एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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