केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान में दिनांक 11 अगस्त 2023 को बकरियों की उत्पादकता बढ़ाने एवं नस्लों के संवर्धन के लिए विचार मंथन (ब्रेन स्टॉर्मिंग) का आयोजन किया गया।


 इस आयोजन के माध्यम से बकरियों की विभिन्न नस्लों में क्षेत्र विशेष की जलवायु खाद, उपलब्ध बाजार, मांग, जलवायु परिवर्तन नस्लों के आधार एवं उपयोगिता के अनुरूप उत्पादकता बढ़ाने की संस्तुति की गई।


 जिन बकरियों की नस्ल  की जनसंख्या में कमी हो रही है, उनके कारणों को दूर करते हुए अलग से नस्ल सुधार योजना बनाने की संस्तुति की गई।


इस आयोजन के मुख्य अतिथि डॉक्टर अभिजीत मित्रा, पशु पालन कमिश्नर भारत सरकार, सम्मानित अतिथि डॉ एके गहलोत, विख्यात पशुपालन नीति निर्माता एवं कुलपति राजूवास बीकानेर अतिथि डॉ जी के गहलोत,डॉ प्रमोद रावत, डॉ विनीत भसीन, डॉ डी वी सिंह, डॉक्टर सतेंद्र सिंह तोमर, श्री दीपक पाटीदार (सलाहकार, राष्ट्रीय पशुधन मिशन) संस्थान के वैज्ञानिक एवं पशु पालक नीति निर्माता, पशु वैज्ञानिक ,प्रगति शील  बकरी पालकों ने भी ऑनलाइन वर्चुअल मूड के माध्यम से अपने सुझाव प्रेषित किए।


संस्थान के निदेशक डॉ मनीष कुमार चेतली ने इस आयोजन में भाग ले रहे प्रतिभागियों का स्वागत करने के उपरांत देश में बकरी पालन के प्रबंधन ,उपयोगिता, सुधार के बारे में विस्तृत अवगत कराया।


डॉ वी के तनेजा, पूर्व डीडीजी, पूर्व एएचसी, पूर्व वीसी गडवासु ने अपनी ऑनलाइन प्रारंभिक टिप्पणी में दूध एंव  मांस के उद्देश्य के आधार पर अलग से नस्ल के विकास पर जोर दिया।


 तदोपरांत इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ मनोज कुमार सिंह विभागाध्यक्ष ने भारत में पाई जाने वाली नस्लों एवं उनकी उत्पादकता बढ़ाने व नस्ल के संवर्धन से संबंधित समस्याओं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। 


इस कार्यक्रम में 135 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस विचार मंथन में उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने बरबरी फार्म पर  वृक्षारोपण भी किया। 


बकरियों की उत्पादकता बढ़ाने एवं नस्ल संवर्धन द्वारा बकरी पालन से आमदनी बढ़ाने मसौदा भारत सरकार व राज्य सरकार को भेजा जाएगा जिससे किसान व मध्यमवर्गीय लोगों की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित हो सके एवं नस्ल सुधार के कार्यक्रमों को बल प्रदान हो सके।

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