पांच मोहर्रम को अमया देवरिया के ईमामबारगाह मरहूम फतेह अली में एक मजलिस का आयोजन हुआ। जिसे मौलाना जायर अब्बास ने खेताब किया।
मजलिस से पूर्व नूर इलाही, आबाद, तूफेल आदि ने कलाम पेश किए।
मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कहा कि सूरये वलर्स की रोशनी में जो हक का साथ देगा वही हुसैनी है और जो बातिल का साथ देगा वो यजीदी है।इमाम हुसैन के बेटे और इमाम हुसैन के भतीजे जनाबे कासिम की शहादत का बयान किया जिसे सुनकर सभी की आंखें नम हो गई।
मजलिस के बाद मेहंदी का जुलूस बरामद हुआ। जिसमें मुकामी अंजुमन अंजुमने हुसैनिया ने नौहाख्वानी व सीनाजनी की।
1957 से उठने वाला ये जुलूस पूरे गांव में गश्त करता हुआ ईदगाह, कर्बला, डाक बंगला, बरदही बाजार, चुंगी नाका होते हुए मरहूम फतेह अली के इमामबारगाह में सुबह चार बजे संपन्न हुआ।
सुरक्षा व शांति व्यवस्था कायम रखने में प्रभारी निरीक्षक संजय दुबे गांधीनगर चौकी इंचार्ज मनीष मिश्रा अपने तमाम पुलिस बल के साथ मुस्तैद रहे।
असगर अली
उतरौला
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