उतरौला/बलरामपुर 
फैजाने औलिया कमेटी सदर फरीदुद्दीन कुरैशी व मकसूद आलम कुरेशी के सरपरस्ती में हो रहे हजरत बाबा झंडे शाह के तीन दिवसीय सालाना उर्स का समापन बुधवार रात नात व तकरीर के साथ हुआ। देर 
रात तक आस्ताने पर नात एवं तकरीर कार्यक्रम चलता रहा। कारी सलाहुद्दीन ने कलाम ए पाक की तिलावत कर कार्यक्रम का आगाज किया।  
मौलाना कलीम हशमती, मौलाना अदहम, मौलाना रेहान कादरी, मौलाना अख्तर रज़ा खान, मौलाना रियाजुल हक बलरामपुरी 
ने अपना तकरीर पेश करते हुए बाबा झंडे शाह व अनेक औलिया ए कराम और बुजुर्गानेदीन के जीवन पर प्रकाश डाला। साथ ही भारत की सामाजिक एकता और अखंडता के लिए सूफी संतों के योगदान की चर्चा की। कहा कि हमारे बुजुर्गान-ए-दीन ने और सूफियों ने जहां इस्लाम और इंसानियत की बात की, वहीं अपने संदेश और आचरण से देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सूफी और बुजुर्ग हस्तियों ने नेकी, भलाई और समरसता का पैगाम दिया। उलेमा-ए-कराम ने बाबा झंडे शाह से जुड़ी घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने लोगों से औलिया-ए-कराम के बताए रास्ते पर अमल करने की अपील की।
नातिया शायर इफ्तेताह ,रहीम रजा के अलावा दिगर नातिया शायरों ने शानदार नात ए पाक पढ़ कर मोमिनों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के अंत में सलातो सलाम का नजराना पेश किया गया।
कमेटी सदस्य हाजी निजाम कुरेशी, महफूज़ गनी, हैदर कुरेशी, तौफीक कुरेशी, मोअज्जम कुरेशी, कमालुद्दीन, हसीब कुरेशी, कलीमुद्दीन, फज्जू कुरैशी, अनवारुद्दीन, जलालुद्दीन, सलाहुद्दीन, वसीम, सलमान कुरेशी, असलम, याकूब कुरैशी, सुहेल, शोयब, महफूज आलम का सराहनीय योगदान रहा।
असगर अली 
उतरौला

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने