वाराणसी। अधिक उम्र में (किशोरावस्था के बाद) बोलने और सही तरीके से सुनने में समस्या है तो घबराने की जरूरत नहीं है। बीएचयू के नाक, कान, गला विभाग में ऐसे मरीजों के इलाज की सुविधा है। बुधवार को एक ऐसे ही 29 साल के युवक का डॉक्टरों की टीम ने आपरेशन किया।
नाक, कान, गला रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विश्वंभर सिंह के नेतृत्व में गब्बर का सफल ऑपरेशन हुआ। प्रो. सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में कई आपरेशन हो चुके हैं। गब्बर बचपन में सुन और बोल पाते थे, बाद में लीवर की गंभीर बीमारी के बाद बहरापन की समस्या हो गई। जांच में पाया गया कि इनकी सुनने की क्षमता पूर्ण रूप से चली गई है। उनके इलाज के लिए (काकलेयर इम्प्लांट) की योजना बनी। डॉ. राजेश कुमार, डॉ. शिवा एस, डॉ. रामराज यादव, डॉ. शिशुपाल यादव, डॉ. अरुण, डॉ. राहुल, डॉ. जेफरी आदि ने ऑपरेशन किया। इलाज का खर्च राज्य सरकार ने उठाया।
नाक, कान, गला रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विश्वंभर सिंह के नेतृत्व में गब्बर का सफल ऑपरेशन हुआ। प्रो. सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में कई आपरेशन हो चुके हैं। गब्बर बचपन में सुन और बोल पाते थे, बाद में लीवर की गंभीर बीमारी के बाद बहरापन की समस्या हो गई। जांच में पाया गया कि इनकी सुनने की क्षमता पूर्ण रूप से चली गई है। उनके इलाज के लिए (काकलेयर इम्प्लांट) की योजना बनी। डॉ. राजेश कुमार, डॉ. शिवा एस, डॉ. रामराज यादव, डॉ. शिशुपाल यादव, डॉ. अरुण, डॉ. राहुल, डॉ. जेफरी आदि ने ऑपरेशन किया। इलाज का खर्च राज्य सरकार ने उठाया।
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