महाराजगंज: चौक रेंज के सोनाड़ी मंदिर के पास जंगल में तेंदुए का शव लड़कों को दिखा। बड़े अधिकारियों तक बात न पहुंचे इस लिए जंगल के कर्मचारी लीपापोती में लग गए। मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि नगर पंचायत चौक के सोनाड़ी मंदिर के पास जस्ट उत्तर जंगल मे गांव7 के कुछ बच्चे जामुन तोड़ने गए थे। अचानक किसी की नजर जमीन पर लेटे तेंदुए पर पड़ी। बच्चे शोर मचाने लगे। तेंदुए के शरीर मे कोई हलचल न देख बच्चे तेंदुए के पास पहुंच गए। तेंदुआ मृत अवस्था मे पड़ा था। बच्चे ने पूरी बात गांव में आकर अपने परिजनों को बताई। किसी ने घटना की जानकारी जंगल विभाग के कर्मचारी को दी। बहुत देर तक कोई घटना स्थल पर नहीं पहुंचा। जंगल विभाग के कर्मचारी घटना की जिक्र करने से बचते रहे।
तेंदूए का गर्दन पतले तार से कसी हुई मिली।जंगली जानवरों का शिकार करने वाले शिकारी बाइक के क्लच वायर या तार से फास बनाते है। शिकार करने वाले स्थान पर किसी जानवर को मारकर उसके मांस को फास के साथ रख देते है। जैसे ही शिकार मांस खाने के लिए झपटता है उसका गर्दन या पैर उसमें फस जाता है। शिकार जितना ही फास से निकलने की कोशिश करता है उतना ही फास टाइट होता चला जाता है। मृत मिले तेंदुए के गर्दन में एक तार कसी हुई थी। तथा उसका जीभ बाहर निकल हुआ था। यह माना जा रहा है कि तेंदुए की मौत तार के कसने से हुई होगी।
*जंगल सफारी के लिए सबसे बड़ी चुनौती*
एक तरफ शासन के सहयोग से जिला प्रशासन पूर्वांचल के पहले जंगल सफारी को गति देने के लिए करीब 8 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। तथा पर्यटकों को लुभाने के लिए जंगली जानवरों को सुरक्षित करने के लिए शिकारियों पर नकेल कस के बात कह रही है तो वहीं तेंदुए का शव मिलने से स्थानीय प्रशासन का असफलता मानी जा रही है। कुछ महीने पहले भी हिरन का शिकार करते सात शिकारी पकड़े गए थे। लेकिन घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है
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