जौनपुर। मणिपुर की घटना, शर्मनाक संवेदनशीलता एवं जागरूकता- आशुतोष त्रिपाठी

मणिपुर में जो हुआ दर्दनाक है, लोग इसकी भर्त्सना कर रहे हैं जो जरूरी भी है लेकिन हमें यही संवेदनशीलता या जागरूकता इस तरह की दूसरी घटनाओं पर दिखानी चाहिए क्योंकि यह देश हम सबका है। इसमें राजनीति और अंतरराष्ट्रीय तत्वों ने अपना अपना लाभ देखा सोशल मीडिया अफवाहों का पेट्रोल डालने लगा।कुछ दिनों पहले देश की हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को उपद्रवियों द्वारा कई राज्यों में क्षतिग्रस्त किया गया।आज देश में सरकारी संपत्तियों का नुकसान पहुंचाना आम बात हो गई है सार्वजनिक स्थलों हो या सरकारी कार्यालय लोग ना तो गंदगी फैलाने से पहले सोचते हैं ना अतिक्रमण करने से हिचकते हैं और ना ही तोड़फोड़ कर बर्बाद करने से डरते हैं। अक्सर देखा जाता है कि आमजन सरकार से असहमति की स्थिति में अपने गुस्से का इजहार सरकारिया सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर करते हैं। जो बेहद शर्मनाक है आंदोलन धरना प्रदर्शन जुलूस उपद्रव और आगजनी आदी से पहले ज्यादा आर्थिक हानि सरकार को ही पहुंचती है। हम सभी को ज्ञात होना चाहिए कि सरकारी व सार्वजनिक संपत्तियों पर होने वाला नुकसान आमजन के द्वारा कर के रूप में सरकार को अदा किया जाने वाला धन है सरकारी संपत्ति को हानि पहुंचाना या अप्रत्यक्ष रूप से हम न केवल अपने ऊपर कर का भार बढ़ा रहे हैं बल्कि देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करते हैं। राष्ट्र का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सबका एक कर्तव्य ही नहीं दायित्व बनता है कि सरकारी और सार्वजनिक संपत्ति को देखरेख व उसे सहेजने में सरकार का सहयोग करें।

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