संकष्टी चतुर्थी पर पंचक और भद्रा का साया परन्तु
प्रीति योग का बन रहा विशेष योग । ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री
हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है. जो लोग यह व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करते हैं, उनके कष्ट दूर होते हैं. जीवन में खुशहाली, सुख, समृद्धि आती है। काम में आने वाले संकट खत्म होते हैं। जीवन में शुभता बढ़ती है। सावन का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत या सावन का गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा। संकष्टी चतुर्थी पर पंचक और भद्रा का साया है। आइये ज्योतिष गुरू अतुल शास्त्री जानते है कि सावन की गजानन संकष्टी चतुर्थी कब है? गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय क्या है?
सावन कृष्ण चतुर्थी तिथि 6 जुलाई गुरुवार को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से शुरू हो रही है.
गणेश पूजा का मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से है.
सावन माह का प्रारंभ 4 जुलाई मंगलवार को हो चुका है सावन का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत या सावन का गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा। इस साल सावन की संकष्टी चतुर्थी पर पंचक और भद्रा का साया है। इस व्रत में गणेश पूजन के बाद रात में चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देते हैं, तभी यह व्रत पूर्ण होता है. कृष्ण पक्ष में चंद्रमा देर से उदित होता है, इसलिए चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए व्रती को अधिक इंतजार करना होगा ज्योतिषाचार्य अतुल शास्त्री कहते है कि 6 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश पूजा का मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक है. इसमें भी सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक का समय बहुत ही शुभ है. आप अपनी सुविधानुसार इन मुहूर्त में गजानन संकष्टी चतुर्थी की पूजा कर सकते हैं।
प्रीति योग में गजानन संकष्टी चतुर्थी, लेकिन पंचक और भद्रा भी गजानन संकष्टी चतुर्थी पर सुबह से ही प्रीति योग बना है, लेकिन पंचक और भद्रा का भी साया है. इस दिन प्रीति योग सुबह से लेकर देर रात है. वहीं भद्रा का सुबह 05 बजकर 29 मिनट से सुबह 06 बजकर 30 मिनट तक है, हालांकि इसका वास पाताल लोक में है. चतुर्थी के दिन पंचक दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रहा है और यह अगले दिन सुबह 06 बजकर 29 मिनट तक है। गजानन संकष्टी चतुर्थी 2023
6 जुलाई को चतुर्थी वाले दिन चंद्रोदय देर से होगा. उस रोज रात में 10 बजकर 12 मिनट पर चंद्रोदय होगा. उस समय आप चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर सकते हैं।
ज्योतिष सेवा केन्द्र
ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री
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