वृन्दावन।सुनरख रोड़ स्थित हरेकृष्ण ऑर्चिड में पुरुषोत्तम मास के पावन उपलक्ष्य में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज एवं श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने श्रीमद्भागवत ग्रंथ का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन करके किया।
इससे पूर्व श्रीमद्भागवतजी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।जिसमें असंख्य महिलाएं पीत वस्त्र पहने, सिर पर मंगल कलश धारण किए चल रही थी।इसके अलावा सभी भक्त-श्रृद्धालु हरिनाम संकीर्तन करते हुए साथ चल रहे थे।
महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने कहा कि इन दिनों श्रावण व पुरुषोत्तम मास चल रहा है। इन मासों में और वो भी श्रीधाम वृन्दावन की पावन भूमि में श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का महत्व सहस्र गुना हो जाता है।इसके लिए आयोजक परिवार बधाई व प्रशंसा का पात्र है।
श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि पुरुषोत्तम मास अत्यधिक पुण्यदायी मास है।इसके अधिपति स्वयं भगवान विष्णु हैं।इसीलिए इस मास में हम सभी को अधिक से अधिक पुण्यकार्य करने चाहिए
व्यास पीठ से प्रख्यात संत स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने सभी भक्तो-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि कलयुग में जीव के कल्याण के लिए यदि कोई सर्वोत्तम ग्रंथ है, तो वह श्रीमद्भागवत महापुराण है।जिसके श्रवण मात्र से जीव भवसागर से पार उतर जाता है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण में समस्त धर्म ग्रंथों का सार समाहित है।इसीलिए इसे पंचम वेद कहा गया है।इसका श्रवण जो व्यक्ति जिस कामना से करता है, उसकी वो कामना निश्चित ही पूर्ण होती है।
इस अवसर पर महोत्सव के समन्वयक व उमा शक्ति पीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित आर. एन. द्विवेदी (राजू भैया), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पवन माधोगढ़िया, मंजुल माधोगढ़िया, पंडित जुगल किशोर शर्मा,डॉ. राधाकांत शर्मा, रामचंद्र माधोगढ़िया, सुनील माधोगढ़िया, पंकज माधोगढ़िया, पुनीत माधोगढ़िया (कोलकाता) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know