वृन्दावन। मधुवन कॉलोनी स्थित श्री मौनी बाबा आश्रम में ब्रह्मलीन श्रीश्री 1008 मोहिनी महाराज (मौनी बाबा) का अष्टदिवसीय स्मृति महोत्सव विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ प्रमुख धर्माचार्य पुरुषोत्तम पाराशर महाराज के पावन सानिध्य में मनाया गया।इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में पीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन मोहिनी महाराज (मौनी बाबा) अत्यंत सेवाभावी और तपस्वी संत थे।उन्होंने अपने तप व साधना की शक्ति से असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया।हम ऐसे सिद्ध संत के चरणों में बारंबार नमन करते हैं।
प्रमुख धर्माचार्य पुरुषोत्तम पाराशर महाराज एवं भागवताचार्य माधव कृष्ण अवस्थी महाराज (चित्रकूट) ने संतप्रवर मोहिनी महाराज (मौनी बाबा) की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाराजश्री अत्यंत विरक्त, सरल व सिद्ध संत थे।वे भक्तों से स्लेट पर लिखकर ही बात किया करते थे।वर्तमान में उन जैसे संतों के दर्शन दुर्लभ हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं आचार्य कमल सागर महाराज(मुम्बई) ने कहा कि ब्रह्मलीन मोहिनी महाराज जैसी पुण्यात्माओं का तो अब युग ही समाप्त होता चला जा रहा है।उन जैसे नाम निष्ठ व धाम निष्ठ संतों के दर्शन अब कम ही होते हैं।
प्रमुख शिक्षाविद देवेद्र प्रकाश पांडेय(औरैया) एवं डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि ब्रह्मलीन मोहिनी महाराज (मौनी बाबा) संत समाज के गौरव थे।उन्होंने आजीवन वैराग्यमय जीवन जीया।उन जैसे संतों से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है।
इससे पूर्व सम्पन्न हुई सरस भजन संध्या में भजन गायिका भक्तिमती अनुपम मंजरी ने श्रीराधा-कृष्ण की महिमा से ओत-प्रोत भजन गाकर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
महोत्सव में संत काठियाबाबा, श्रीमती विमला पाण्डेय,अंजू पाण्डेय, अभय पाण्डेय, गौरव पाण्डेय, विजय शंकर त्रिपाठी, अनुपम दुबे, श्रीमती रामकांति दुबे, राघव त्रिपाठी, सागर दुबे, सौरव दुबे, गुंजन दुबे, कंचन दुबे (औरैया), कुंवर चकलेश्वर, ठाकुर कालीचरण, राधाचरण, जमुना प्रसाद, जय वीर वर्मा, महावीर शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
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