*समस्या चाहे कितनी बड़ी क्यों न हो मगर उसका कोई न कोई समाधान तो अवश्य ही होता है। हमें समस्या का डटकर सामना करना आना चाहिए क्योंकि समस्या मुकाबला करने से दूर होती है मुकरने से नहीं। भागना किसी समस्या का समाधान नहीं, जागना समस्या का समाधान है।*
*इस प्रकृति का एक नियम यह भी है, कि यहाँ सदैव एक दूसरे द्वारा अपने से दुर्बलों को ही सताया जाता है।अपने से बलवानों को उनसे कुछ गलत होने के बावजूद भी छोड़ दिया जाता है। आत्मबल कमजोर होगा तो जीवन हर प्रकार से आपको प्रताड़ना देना।*
*दुःख के साथ भी ठीक ऐसा होता है। जितना आप दुःखों से भागने का प्रयास करोगे उतना दुःख तुम्हारे ऊपर हावी होते जायेंगे। स्वामी विवेकानंद जी कहा करते थे कि दुःख बंदरों की तरह होते हैं जो पीठ दिखाने पर पीछा किया करते हैं और सामना करने पर भाग जाते हैं। समस्या का डटकर मुकाबला करना ही समस्या को कम करने का सर्वोत्तम उपाय है।*
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