राजकुमार गुप्ता
आज भारत में सबसे अधिक दुखी वह लोग हैं जो बहुत अधिक पढ़ लिखकर बेरोजगार हैं। जो शिक्षा आप को रोजगार न दे सके, वह शिक्षा किसी काम की नहीं हैं। रोजगार के लिए आपका अधिक पढ़ा लिखा होना कोई मायने नहीं। भारत में 90% रोजगार वे लोग कर रहे हैं जो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। 10% रोजगार पाने के लिए पढ़े लिखे लोगों में मारामारी है। स्वंय विचार करें। 6 महीने में आप बाइक के मैकेनिक, कार के मैकेनिक, साइकिल के मकैनिक, हलवाई का काम, घर की इलेक्ट्रिक वायरिंग, घर का प्लंबर का कार्य, मोबाइल रिपेयरिंग, जूते बनाना, दरवाजे बनाना, वेल्डिंग का काम, मिट्टी के बर्तन बनाना, घर की चिनाई करना, योगासन, मशरूम की खेती का काम, नर्सिंग फर्स्ट एड कोर्स, होटल मैनेजमेंट, बाल काटने काम, चाय कॉफी बनाने का काम आदि 6 महीने में आप बहुत से ऐसे काम हैं जो सीख सकते  हैं। और अपना और अपने परिवार का सहारा बन सकते हो। क्युकी हुनर आप को और आप के परिवार को भूखा नहीं सोने देगा। साथ ही साथ बेरोजगार युवक एक बात और गांठ बांध लें कि पुरे संसार में ऐसा कोई देश नहीं हैं जो बेरोज़गारों को 100% रोजगार देता हों। इसलिए पढ़ाई के साथ इस बात पर भी विचार ज़रूर करें।

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