चुनार की ऐतिहासिक सबसे पुरानी ताजिया। कदम रसूल गांधी मैदान किले के पास।
ये ताजिया की खास रिवाज यह है। मोहर्रम की 10 तारीख को इमाम चौक से जब दो चार कदम आगे बढ़ा जाता है तो बाजार की तरफ संदेश भेजा जाता है तब चुनार कस्बे की ताजिया उठाया जाता है
कदम रसूल की ताजिया का सबसे ज्यादा इंतजार नागरपुर,महल के लोग और करता है जो कदम रसूल के साथ कदमों से कदम मिलाकर बाजार की तरफ चलते हैं। साथ में लोहिया नगर की ताजिया सब से अलग डिजाइन बनाया जाता हैआप लोग भी देखा होगा यह ताजिया तीनो एक साथ चलती
नोट जब शाम को कर्बला मिट्टी दिया जाता है।कदम रसूल की ताजिया मिट्टी देने के बाद ही सभी ताजिया लोग मिट्टी देता है
251 साल पुरानी ताजिया हो चुकी है आज।
रिपोर्ट # अमित सिंह
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