औरैया // एक ओर जहां प्रदेश सरकार निराश्रित अन्ना मवेशियों की देखरेख व इलाज के लिए कई योजनाएं चला कर पानी की तरह पैसा बहा रही है वहीं जिम्मेदारों की अनदेखी बेजुबानों पर भारी पड़ रही है अन्ना मवेशियों को आश्रय देने के बजाए इन्हें सड़क पर तड़पता छोड़ा जा रहा है जिम्मेदार कागजों पर अन्ना मवेशियों को पकड़ कर गौशाला तक पहुंचाने का काेरम पूरा कर रहे हैं जिले में गोवंशों की सेवा करने वालों की अच्छी खासी सूची भी मगर वह भी बेजुबानों की मदद करने में आगे आते नजर नहीं आ रहे हैं। देखरेख न होने से वह सड़क पर ही तड़प- तड़प कर दम तोड़ रहे हैं ऐरवाकटरा थाने से महज 100 मीटर दूरी पर मंगलवार रात को वाहन की टक्कर से एक मवेशी घायल हो गया बुधवार दिन भर वह तड़पता रहा किसी भी जिम्मेदार ने इलाज करना तो दूर उसे सड़क से हटाना तक मुनासिब नहीं समझा। आखिर में देर शाम उसने दम तोड़ दिया उसके आसपास आवारा कुत्ते मंडराते रहे, कस्बे में रविवार को वाहन से टकराने पर एक सांड बुरी तरह घायल हो गया। जिसके चलते अब वह खड़ा भी नहीं हो पा रहा है। कस्बे वासियों ने घायल मवेशी को एक खाली प्लॉट में पहुंचाकर दो बार पशु चिकित्सालय में जानकारी दी, लेकिन कोई भी पशु चिकित्सक मवेशी का उपचार करने नहीं पहुंचा जिससे उसकी हालत बिगड़ रही है और सड़क किनारे पड़ा रहा
ग्रामीणों में सरकारी सिस्टम को लेकर रोष ऐरवाकटरा निवासी गंगाराम, विक्रांत सिंह, संदीप चौहान, राजेश आर्य, संतोष यादव आदि ने बताया कि प्रशासन की लापरवाही का कारण है कि सड़कों पर अन्ना मवेशी घूम रहे हैं गौशालाओं का भी बुरा हाल है। अन्ना मवेशियों को संरक्षण न दिए जाने से वह सड़क हादसे में घायल होकर तड़प रहे हैं जल्द ही प्रशासन को इनकी खैर खबर लेनी चाहिए लोगों ने रोष जताते हुए कहा कि यही हाल रहा तो वह मामले की जानकारी शासन तक पहुंचाएंगे वहीं पशु चिकित्सा अधिकारी ऐरवाकटरा डॉ. दिलीप कुमार का कहना है कि गोवंश के घायल होने की उन्हें जानकारी नहीं है यदि कोई मवेशी घायल है तो मौके पर पहुंचकर उसका उपचार किया जाएगा जहां से जानकारी मिलती है गोवंशों का इलाज कर उन्हें गोशाला में सुरक्षित किया जा रहा है।

ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार 

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