- महिला ग्राम प्रधानों को नेतृत्व क्षमता, संचार कौशल एवं लैंगिक समानता विषय पर दिए जा रहे प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन |
- नौ विकास खण्डों की 370 महिला ग्राम को सात बैचों में दिया गया दो-दो दिवसीय अनावासीय प्रशिक्षण ।
बलरामपुर, |
महिला ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित करने के लिए जिले में बीते 10 जुलाई से चल रहे प्रशिक्षण शिविर का मंगलवार 25 जुलाई को समापन हुआ | इस दो दिवसीय अनावासीय प्रशिक्षण शिविर में सभी नौ विकास खण्डों की 370 महिला ग्राम प्रधानों को प्रभावी संचार, लिंग भेदभाव, नेतृत्व कौशल और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी व निगरानी करने संबंधी जानकारी दी गयी | ग्राम प्रधान की जिम्मेदारियां बताने के साथ ही उन जिम्मेदारियों के निर्वहन में आने वाली बाधाओं से निपटने के तरीके भी सिखाये गए |
उक्त जानकारी मण्डलीय उपनिदेशक (पंचायत) आरएस चौधरी ने दी | उन्होंने बताया कि सरकार गांवों के समग्र विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण दे रही है | पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (पीआरआईटी) एवं तकनीकी संस्था ‘सेंटर फॉर कैटलाईजिंग चेन्ज’ (सी-3) के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य गांव को विकास से जोड़ने के साथ प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित करना है | उन्होंने कहा कि बलरामपुर जिले की 793 ग्राम पंचायतों में से 370 पंचायतों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं | 46 फ़ीसदी ग्राम पंचायतों में महिला प्रधानों का नेतृत्व गर्व का विषय है |
जिला पंचायत राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह ने कहा कि महिला ग्राम प्रधान गांव के विकास की जिम्मेदारी स्वयं उठाएं, इस विषय पर उनका उन्मुखीकरण किया गया | महिला प्रधानों को न सिर्फ गांव की सूरत बदलने के लिए प्रशिक्षित किया गया, बल्कि उनके अधिकारों के प्रति भी उन्हें जागरूक किया गया |
डीपीआरसी प्रबंधक पवन श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं में नेतृत्व क्षमता और जनसंचार की कोई कमी नहीं है | इस प्रशिक्षण से महिला ग्राम प्रधानों में नेतृत्व क्षमता और संचार कौशल का विकास होगा, जिससे गांव के विकास दर में अपेक्षित वृद्धि हो सकेगी | साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा | कार्य कुशल होकर महिला ग्राम प्रधान अपने कार्य एवं दायित्वों का स्वयं से निर्वहन कर सकेंगी | उन्हें प्रतिनिधियों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा |
मास्टर ट्रेनर आशीष कुमार श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि महिला प्रधान को पंचायत में सक्रिय रहना होगा | ग्राम पंचायत विकास योजना बनाते समय स्वास्थ्य व पोषण की गतिविधियों को सम्मिलित करने पर जोर देना होगा | महिला ग्राम प्रधान अपनी जिम्मेदारियों का खुद निर्वहन करने के लिए आगे आएं, जिससे सरकार का महिला हितैषी और बाल हितैषी पंचायतों का सपना पूरा हो सके | वहीं प्रशिक्षक सतीश कुमार बाजपेयी ने संचार कौशल पर प्रशिक्षण देते हुए कहा कि हमारा संचार का माध्यम ऐसा हो, जिससे हमारे द्वारा कही बात सही तरीके से समुदाय तक पहुंचे और उसका निर्वहन भी सही समय पर सही ढंग से हो |
*महिला प्रधानों ने कहा, मिली उपयोगी जानकारी*-
विकास खंड गैंड़ास बुजुर्ग के ग्राम पंचायत रसूलाबाद की ग्राम प्रधान गायत्री देवी ने बताया कि प्रशिक्षण से हमें अपने ग्राम सभा में होने वाली बैठक में भाग लेने, अपना निर्णय खुद लेने और दूसरों के ऊपर निर्भर न रहने की जानकारी मिली | रेहरा बाज़ार ब्लॉक के ग्राम पंचायत जाखौली की प्रधान माला देवी ने बताया कि बेटा-बेटी में भेदभाव न करने और न ही किसी को करने देने जानकारी मिली | वहीं रेहरा बाज़ार के ही विशम्भरपुर की ग्राम प्रधान नीलम वर्मा ने बताया, हमने सीखा कि समाज की आवाज को सुनें और लोगों द्वारा बताई गई समस्याओं का खुद से निस्तारण करें तथा बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान दें | इस दौरान प्रशिक्षक जिलेदार पाण्डेय, रविकांत पाण्डेय, अचलपुर घाट की ग्राम प्रधान राधिका देवी समेत गैंड़ास बुजुर्ग और रेहरा बाज़ार की सभी महिला ग्राम प्रधान व डीपीआरसी स्टाफ निधि चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे |
उमेश चंद्र तिवारी
हिंदी संवाद न्यूज
बलरामपुर
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know