वित्तीय अधिष्ठानो को उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ताहित नियमावली 2016 में महानिदेशक संस्थागत वित्त, बीमा एवं वाहय सहायतित परियोजना से पंजीकरण कराना होगा
लखनऊ: 18 जुलाई 2023
     उत्तर प्रदेश में कारोबार करने वाले अथवा जमा स्वीकार करने वाले प्रत्येक वित्तीय अधिष्ठानो को उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ताहित नियमावली 2016 में निर्धारित प्रारूप के तहत विवरण प्रस्तुत करके महानिदेशक संस्थागत वित्त, बीमा एवं वाहय सहायतित परियोजना से पंजीकरण कराना होगा। इसके साथ ही अधिष्ठान द्वारा अपना कारोबार जिस क्षेत्र में प्रारंभ किया गया है संबंधित क्षेत्र के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को विवरण, कारोबार प्रारंभ करने के 7 दिन के भीतर प्रेषित करना होगा। ऐसे वित्तीय अधिष्ठान जो इस नियमावली के प्रारंभ होने के पूर्व अपना कारोबार कर रहे हैं वे इस नियमावली के प्रारंभ होने के दिनांक से 7 दिन के भीतर प्रारूप 1 में पंजीकृत किए जायेंगे।
        महानिदेशक संस्थागत वित्त, बीमा एवं  वाह्य सहायतित परियोजना श्री शिव सिंह यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस पर विशेष ध्यान दिया जाए कि समस्त वास्तविक भू संपदा से संबंधित कारोबार अथवा निर्माणकर्ता सम्मिलित हो सके, जिस संबंध में क्रेताओं एवं विनिधानकर्ताओं से धन संबंधी अथवा मौद्रिक विचार विमर्श किया गया     हो ।
     श्री यादव ने बताया कि ऐसे भू-संपदा संबंधी कारोबार एवं निर्माणकर्ताओं को उत्तर प्रदेश में अपने क्रियाकलापों से संबंधित सूचना प्रस्तुत करना होगा। महानिदेशक द्वारा इस नियमावली से संबंधित प्रारूप-3 में समस्त पंजीकृत वित्तीय अधिष्ठानो का अभिलेख संरक्षित किया जाएगा । वर्तमान में वित्तीय अधिष्ठान महानिदेशालय द्वारा तैयार किए गए वेब पोर्टल ीजजचेरूध्ध्चपकहतण्पद को खोलते हुए प्रारूप-1 पर पंजीकरण एवं प्रारूप-3 पर त्रैमासिक विवरण भरना सुनिश्चित करेंगे।
      पंजीकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए महानिदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कारोबार करने वाला प्रत्येक वित्तीय अधिष्ठान जिसका तात्पर्य किसी योजना या व्यवस्था या किसी अन्य रूप में जमा स्वीकार करने वाले व्यक्ति से है और जिसमें निगमित अथवा निगमित कंपनी या संगम या व्यष्टि निकाय सम्मिलित होगा। किंतु इसमें राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार द्वारा स्वामित्व प्राप्त या नियंत्रित कोई निगम अथवा सहकारी समिति अथवा बैंक कारी विनियमन अधिनियम 1949 के अधीन यथा परिभाषित बैंककारी कंपनी सम्मिलित नहीं है। उत्तर प्रदेश राज्य के भीतर भूखंड, फ्लैट या मकान के विक्रय अथवा ऐसे किसी विन्यास के लिए निर्माणकर्ताओं अथवा भू-संपदा कंपनियों या किसी व्यक्ति द्वारा संकलित कोई धनराशि इस खंड के प्रयोजनार्थ ‘जमा‘ धनराशि समझी जाएगी। ‘जमा‘ का तात्पर्य जमाकर्ता पर किसी विनिर्दिष्ट अवधि के पश्चात अथवा अन्यथा नकद या वस्तु के रूप में या विनिर्दिष्ट सेवा के रूप में ब्याज, बोनस, लाभ या किसी अन्य रूप में किसी पर सुविधा के साथ या प्रसुविधा रहित वापसी के विचार से किसी वित्तीय अधिष्ठान द्वारा इस अधिनियम के प्रारंभ होने के पूर्व या पश्चात धन की प्राप्ति या किसी मूल्यवान वस्तु का प्रतिग्रहण सम्मिलित है।

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