कर्नलगंज के नवागत कोतवाल चितवन कुमार को करना होगा कई चुनौतियों का सामना
अपने बेलगाम कार्यशैली को लेकर काफी विवादों से घिरे सुधीर सिंह के तबादले के बाद चितवन जाखर को मिली है कोतवाली की कमान।
कर्नलगंज, गोण्डा। अपने बेलगाम कार्यशैली को लेकर काफी विवादों से घिरे रहे कोतवाल सुधीर सिंह के कोतवाली कर्नलगंज में करीब डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के बाद आखिरकार कोतवाली से विदाई हुई जिससे क्षेत्र के तमाम पीड़ित एवं सम्मानित,संभ्रांत लोगों को उनके आतंक से निजात मिलने के साथ हर्ष का माहौल दिखाई पड़ रहा है। वहीं सुधीर सिंह के मनकापुर तबादले के बाद कोतवाली मनकापुर में तैनात रहे चितवन कुमार जाखर को कर्नलगंज कोतवाली की कमान सौंपी गई है। लेकिन मौजूदा हालात यह हैं कि नवागत कोतवाल चितवन कुमार के लिए यह कोतवाली किसी कांटो भरे ताज से कम नहीं होगी। पिछले एक वर्ष के कार्यकाल पर नजर डालें तो कोतवाली क्षेत्र में जहां एक तरफ चोरी, लूट, डकैती, राहजनी,अवैध मिट्टी व बालू खनन,गरीबों की निजी एवं सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे एवं पुलिसिया उत्पीड़न आदि होने की गंभीर घटनाओं ने कोतवाली क्षेत्र में कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाए वहीं क्षेत्र में पुलिस और खनन विभाग के अवैध संरक्षण में फलफूल रहे अवैध मिट्टी खनन के कारोबार ने भी लगातार सुर्खियां बटोरी। इसी के साथ ही क्षेत्र में जहां एक तरफ फर्जी तरीके से जमीनों की खरीद फरोख्त कर उस पर अवैध कब्जा व प्लाटिंग का कारोबार करने वाले लोग खुलकर अपना काम करते नजर आए,वहीं दबंगई के बल पर गरीब,असहायों की जमीन व सरकारी जमीन पर खुलेआम अवैध कब्जा करने वाले लोग भी नंगा नाच करते रहे। कोतवाली क्षेत्र में आपराधिक गंभीर घटनाऐं काफी बढ़ जाने और तत्कालीन कोतवाल सुधीर सिंह के द्वारा उक्त घटनाओं पर अंकुश लगाने व खुलासा करने में असफल साबित होने से क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ था। जिसकी खबरों को कुछ निर्भीक पत्रकारों द्वारा निष्पक्ष रूप से प्रमुखता से विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जा रहा था। जिससे क्षुब्ध होकर कोतवाल सुधीर सिंह द्वारा द्वेष भावना से ग्रस्त होकर पत्रकारों व उनके परिजनों का नाजायज उत्पीड़न करके उनके विरूद्ध फर्जी मुकदमे दर्ज करने की साजिश की जा रही थी। जिसके संबंध में काफी संख्या में पत्रकारों ने एकजुट होकर सामूहिक रूप से एसपी आकाश तोमर से मिलकर संपूर्ण प्रकरण से अवगत कराते हुए कार्रवाई की अपेक्षा की थी। यही नहीं इनके कारनामों से त्रस्त होकर भारतीय जनता पार्टी के कर्नलगंज नगर मंडल अध्यक्ष सहित कई पदाधिकारियों ने जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक शिकायत भी की थी। नगर निकाय चुनाव के दौरान तत्कालीन चेयरमैन रजिया खातून ने भी इन पर बीजेपी एजेंट के रुप में कार्य करने का गंभीर आरोप लगाते हुए जिले के आला अधिकारियों से लेकर चुनाव आयोग व गृह सचिव उत्तर प्रदेश से शिकायत की थी। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के बावजूद कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन खुलेआम होता रहा और स्थानीय पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार लोग खनन माफियाओं से प्रतिदिन व रात के हिसाब से निश्चित चढ़ावे की धनराशि मिलने से मूकदर्शक बने रहे। इस सब के बावजूद सत्ता पक्ष के एक माननीय का संरक्षण प्राप्त होने के साथ ही पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के विशेष कृपा पात्र व कमाऊ पूत माने जाने वाले कोतवाल सुधीर सिंह चंद चाटुकार दलालों के सहारे पूरी व्यवस्था को डेढ़ वर्ष तक चलाते रहे और अंततः एक मलाईदार कोतवाली से हटाकर उन्हें दूसरी मलाईदार कोतवाली की कुर्सी थमा दी गई। पूरे कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री की मंशा को दरकिनार करते हुए कोतवाली प्रभारी की हिटलर शाही चलती रही। आपको बता दें कि काफी विवादों से घिरे सुधीर सिंह पर हाल ही में मानवाधिकार आयोग के आदेश पर कटरा थाने में लूट का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। इन हालातों में नवागत कोतवाल चितवन कुमार के लिए कोतवाली क्षेत्र में चोरी,लूट, डकैती, राहजनी, अवैध मिट्टी व बालू खनन, गरीबों की निजी एवं सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे आदि होने की गंभीर घटनाओं व पुलिसिया उत्पीड़न पर रोक लगाने के साथ-साथ लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने की बहुत बड़ी चुनौती होगी। अब वह इसमें कितना सफल हो पाते हैं यह तो वक्त ही बताएगा।
ब्यूरो चीफ गोंडा_प्रशांत मिश्राl
9451037631
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