उतरौला(बलरामपुर) दो दशक बीतने के बाद राजकीय कन्या इंटर कालेज व पुराने एसडीएम उतरौला के न्यायालय का भवन राजस्व विभाग से हस्तांतरण नहीं हो सका।‌ भवन हस्तांतरण न होने से इंटर कालेज के छात्र खण्डहर हो रहे भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। वहीं एसडीएम उतरौला का खण्डहर पड़े भवन का न्यायिक विभाग को भवन हस्तांतरण न होने से न्यायालय भवन नहीं बन पा रहा है।
उतरौला तहसील मुख्यालय पर स्थित पुराने तहसील भवन से तहसील स्थानांतरण दो दशक पहले  तहसील के नारे भवन में चला गया और उतरौला कस्बे के बीचों बीच होने पर पुराने तहसील भवन में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज उतरौला शिक्षा विभाग ने खोल‌ दिया। लेकिन राजकीय कन्या इंटर कालेज उतरौला का भवन खण्डहर हो रहे भवन में किसी तरह संचालित होने लगा। इसके खण्ड हर हो रहे भवन की दयनीय दशा को देखते हुए शिक्षा विभाग समेत जिलाधिकारी व आयुक्त ने तमाम पत्र राजस्व विभाग को भवन शिक्षा विभाग को हस्तांतरण करने को लिखा लेकिन भवन हस्तांतरण की पत्रावली दो दशक सचिवालय लखन ऊ म
 पड़ी धूल‌ खा रही है लेकिन भवन का हस्तांतरण राजस्व विभाग से शिक्षा विभाग को नहीं हुआ। पिछले छः वर्ष पहले खण्ड हर हो रहे इस भवन को तोडकर तीन मंजिला विधालय भवन निर्माण के लिए शासन ने सवा करोड़ रुपए शिक्षा विभाग को दिया था लेकिन जमीन व भवन का दो विभागों के बीच विवाद होने से शासन में वापस चला गया। इसी तरह मुंसिफ न्यायालय परिसर में स्थित एसडीएम उतरौला के न्यायालय भवन खण्डहर होने पर एसडीएम उतरौला का न्यायालय न ई तहसील भवन में हस्तांतरण हो गया। शासन ने मुंसिफ न्यायालय परिसर में अतिरिक्त न्यायालय के स्थापना की मंजूरी मिलने को देखते हुए जजी ने पुराने एसडीएम के न्यायालय भवन को राजस्व विभाग से हस्तांतरण करके न्यायिक विभाग को देने का प्रस्ताव जिलाधिकारी को दिया। जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग से भवन को न्यायिक विभाग को हस्तांतरण करने की संस्तुति कर राजस्व विभाग को भेज दिया लेकिन राजस्व विभाग ने भवन हस्तांतरण नहीं किया। राजस्व विभाग से भवन न्यायिक विभाग को न होने पर मुंसिफ न्यायालय परिसर में अतिरिक्त न्यायालय की स्थापना नहीं हो पा रही है। इस तरह राजस्व विभाग द्वारा खण्डहर हो रहे भवन का हस्तांतरण न किए जाने से 
क्षेत्र के विकास का पहिया थमा हुआ है।
असगर अली 
उतरौला

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