जौनपुर। शिक्षामित्रों ने पीएम को संबोधित मांग पत्र भाजपा सांसद को सौंपा
 
23 वर्षों बाद भी न्याय न मिलने पर शासन के प्रति जताया आक्रोश

जौनपुर। पिछले 23 वर्षों से बेसिक शिक्षा विभाग में अपनी सेवा दे रहे शिक्षामित्रों का हौसला अब टूटने लगा है। शासन की उदासीनता से नाराज शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मछलीशहर के भाजपा सांसद बीपी सरोज से उनके कैम्प कार्यालय में मिला।इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम संबोधित मांग पत्र को देते हुए शिक्षामित्रों ने कहा कि हमारी मांगों को आज तक पूरा नहीं किया गया। हमें सिर्फ कोरा आश्वासन ही दिया जा रहा है।

आदर्श समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेश यादव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बीजेपी मछलीशहर सांसद बीपी सरोज से वाराणसी स्थित डीरेका मैदान में प्रधानमंत्री द्वारा किए गए वायदे को याद दिलाया। जिसमें प्रधानमंत्री ने शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि शिक्षामित्र सहायक अध्यापक पद पर किए गए समायोजन को निरस्त होने पर आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर शिक्षामित्रों को धैर्य बंधाते हुए कहा था कि आप आत्महत्या जैसे कदम न उठाए।
आज से शिक्षामित्रों के हितों की जिम्मेदारी मेरी है।
कैसे हमारी सरकार आपकी मदद कर सकती है। कैसे आपका जीवन अच्छे से चले, ये सरकार सोचेगी और कुछ बेहतर करेगी। लेकिन आज शिक्षामित्रों को 23 वर्ष हो चुके हैं बेसिक शिक्षा विभाग में सेवा देते हुए,बच्चों के भविष्य निर्माण करते हुए खुद अपने भविष्य को लेकर चिंताग्रस्त होकर शिक्षण कार्य करना पड़ रहा है। 23वर्षों से बच्चों को शिक्षा देने वाले शिक्षामित्रों की योग्यता जितनी है उसी योग्यता को रखने वाले शिक्षकों को आज लगभग 70 हजार से एक लाख रुपए महीने वेतन के रूप में प्राप्त करते हैं लेकिन वही शैक्षिक योग्यता रखने वाले शिक्षामित्रों को मात्र 10 हजार रुपए महीने मानदेय दिया जाता है। जो आज महंगाई के इस युग में कहीं से भी परिवार का भरण पोषण एवं परिजनों का इलाज करा पाना संभव नहीं है।
संगठन के जिलाध्यक्ष राजेश यादव ने मांग किया कि समान कार्य के लिए समान वेतन एवं स्थायीकरण/नियमितीकरण के साथ जीविकोपार्जन हेतु आर्थिक रूप से वेतन/मानदेय की मांग को पूरा किया जाए।
इस मौके पर शैलेन्द्र सिंह उपाध्यक्ष, हिमकर पांडेय, रामअकबाल मौर्य, नवेंद्र सिंह, ऊषा यादव , मीनू गिरि, उमेश शुक्ला व अन्य शिक्षामित्र उपस्थित रहे।

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