उतरौला(बलरामपुर) उतरौला से देवी पाटन मंदिर तक जाने के लिए सड़क है पुल है लेकिन सरकारी बस सेवा नहीं है।
मजबूरन श्रद्धालुओं को उतरौला से सरकारी बस से बलरामपुर जाना पड़ता है और उसके बाद बलरामपुर से देवी पाटन मंदिर में जाने के लिए सरकारी बस का सहारा लेना पड़ता है। इस तरह उतरौला तहसील क्षेत्र के श्रद्धालुओं को पचासों किमी का चक्कर लगाना पड़ता है।
उतरौला तहसील मुख्यालय से ऐतिहासिक देवी पाटन मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राप्ती नदी के पिपरा घाट व सिंगार जोत घाट पर दसों करोड़ की लागत से दो पक्के पुल का निर्माण शासन ने कराया है। वहीं इस पुल पर जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण भी कराया गया, सड़क व पुल बन जाने के बाद उतरौला तहसील क्षेत्र के लोग निजी वाहनों से इस मार्ग पर चलकर पुल पार करके देवी पाटन मंदिर को पहुंचने में काफी सुविधा हो गई है। वहीं गरीब व मध्यम वर्ग के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र देवी पाटन मंदिर को पहुंचने में लगभग पचास किमी दूर का चक्कर लगाना पड़ता है। सड़क व पुल होने के बावजूद किसी अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधियों ने इस मार्ग पर सरकारी बस सेवा का संचालन नहीं कराया।जबकि इस मार्ग पर परिवहन निगम की बस संचालन को लेकर लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी ने कई बार विभाग के आला अधिकारियों को पत्र भेजकर बस संचालन की मांग करते रहे हैं। हालत यह है कि इस मार्ग पर राजकीय मेले के दौरान भी सरकारी बस सेवा नहीं चलाई जाती है। एआर एम बीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि राजकीय बस सेवा उतरौला से बलरामपुर होते हुए देवी पाटन मंदिर को जाने के लिए बस सेवा उपलब्ध है। यात्रियों की सुविधा के लिए बसों की संख्या बढ़ा दी गई है।
असगर अली
उतरौला
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