जलवायु परिवर्तन में अनुकूल प्रजाति के बीज का महत्वपूर्ण स्थान है: विधायक
कृषि विज्ञान केन्द्र पर बीज वितरण कार्यक्रम आयोजित किया
बहराइच ( ब्यूरो रिपोर्ट) कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा प्रथम पंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत धान की उन्नत सुगंधित प्रजाति पूसा बासमती 1692 ( अवधि 110 से 115 दिन ) बीज वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि विधायक राम निवास वर्मा रहे। साथ में उप निदेशक (कृषि) डाक्टर टी. पी. शाही वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, नानपारा, डॉ. के. एम. सिंह और अन्य वैज्ञानिक एवं कार्मिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विधायक ने कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन में अनुकूल प्रजाति के बीज का महत्वपूर्ण स्थान है, अत: केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम उनकी आय वृद्धि में कारगर साबित होगा। उप कृषि निदेशक ने कृषि विभाग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं तथा अनुदान के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि पी.एम. किसान सम्मान निधि में पंजीकरण की अंतिम तिथि अब बढ़कर 17 जून हो गई है। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. के. एम. सिंह ने धान की सीधी बुवाई पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ. सिंह ने बताया की किसान भाई सबसे पहले खेत में पलेवा करें उसके बाद नम ओट पर खेत को जोतकर तैयार कर ले। धान के 8 से 10 किलोग्राम बीज को मशीन के माध्यम से बुआई कर दें। उसके बाद पेंडीमैथलीन 1.33 लीटर या पाइरेजोसल्फ्यूरान 80 ग्राम प्रति एकड़ खरपतवारनाशी डी. एस. आर धान में बुआई के 24 में प्रयोग करें। 12 से 14 दिन पर पहली सिंचाई करें और उसके बाद पेनाक्सुलम 1.02% + साहलफोफ 5.1% (विवाया) 800 मिली प्रति एकड़ खरपतवारनाशी अथवा बिसपायरीबैक सोडियम 100 मिली प्रति एकड खरपतवार नाशी का स्प्रे करें। कार्यक्रम में नीलम मिश्रा, हरिओम चौधरी , दिलीप कुमर, राम नाथ वर्मा , उमेश कुमार लोधी, आदर्श कुमार त्रिपाठी समेत कुल 36 प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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