उतरौला(बलरामपुर )
उतरौला के श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा पर शौचालय का प्रबंध न होने से यात्री व स्थानीय दुकानदार परेशान हैं। 
उनका कहना है कि चार माह पूर्व नगर पालिका द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा स्थित पीडब्ल्यूडी व वन विभाग कार्यालय के पास मैदान में मोबाइल बायो टायलेट की व्यवस्था कराई गई थी। इस्तेमाल में होने के कारण मोबाइल टायलेट गंदा हो जाता था। समाजसेवीयों, दुकानदार, राहगीर व अन्य लोग मोबाइल टायलेट की प्रतिदिन साफ सफाई, देखभाल व पानी की व्यवस्था की मांग स्थानीय प्रशासन के सामने समस्या उठा चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया। इससे सफाई व्यवस्था बिगड़ती गई। नगर पालिका परिषद द्वारा मोबाइल बायो टॉयलेट के साफ-सफाई एवं बेहतर रखरखाव का प्रबंध ना कर वहां से मोबाइल टॉयलेट ही हटवा दिया। मोबाइल बायो टॉयलेट को हटवा कर उसके स्थान पर महिला व पुरुष दो यूरिनल टॉयलेट रखवा दिया गया। उसको भी रखवाने के बाद नगर पालिका उसकी साफ सफाई कराना भूल गया। साफ सफाई ना होने से वह भी बेकार पड़ा हुआ है। मजबूरन लोग इधर-उधर गंदगी फैलाते हैं। लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी ने कहा कि चौराहे पर रोजाना सैकड़ों लोग जिला मुख्यालय, गोंडा, मनकापुर, डुमरियागंज, बस्ती, गोरखपुर, लखनऊ, आदि इलाकों के लिए बस पकड़ने का इंतजार करते हैं। और अन्य इलाकों से आने वाले इसे चौराहे पर उतरते हैं। तमाम क्षेत्रवासी अपने निजी कार्य हेतु थाना कोतवाली, तहसील, कचहरी, रजिस्ट्री कार्यालय आते हैं जो इसी चौराहे पर ठहरते हैं। लेकिन, यहां शौचालय का प्रबंध न होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। इस बीच मजबूरी में तमाम लोग आसपास खुले में गंदगी फैलाकर चले जाते हैं। इससे यात्रियों और स्थानीय दुकानदारों को काफी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने शौचालय का प्रबंध करने की मांग की है, लेकिन अब तक इसको लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए, उनकी मांग है कि प्रशासन इस समस्या को दूर करने के लिए जल्द ही नगर पालिका मोबाइल टायलेट की साफ सफाई करवा कर या नए मोबाइल बायो टॉयलेट पानी की व्यवस्था के साथ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा पर पुनः रखवाए। और प्रतिदिन इसके साफ सफाई के लिए सफाई कर्मीयों की ड्यूटी लगाई जाए। ताकि लोगों की परेशानी का समाधान हो सके, और क्षेत्र में सफाई व्यवस्था भी बनी रहे।
सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था न होना लोगों को परेशान कर रहा है। 
यहां पर हर दिन सैकड़ों की तादाद में आने वाले आम राहगीरों और दुकानदारों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिस कारण बीमारी फैलने का अंदेशा है। वहीं खुले में शौच करने से स्वच्छ भारत को भी धक्का लग रहा है।
असगर अली 
उतरौला

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